सारे अरब कई सौ वर्षों तक तुर्कों के गुलाम थे। तुर्की का कोई खलीफा कभी हज करने नहीं गया। एक बार सऊदी अरब के बादशाह ने तुर्की से आजादी मांगी। तुर्की की फौज सऊदी बादशाह को और वहाँ के मुख्य इमाम को जंजीरों से बांधकर कुस्तुनतुनिया (इस्तांबूल) ले आई। वहाँ की मुख्य शाही मस्जिद हागिया सोफिया के सामने सऊदी बादशाह की गर्दन कलम कर दी गई। हजारों की भीड़ ने तालियाँ बजाईं और पटाखे छोड़े। मुख्य इमाम की गर्दन वहाँ के मुख्य बाजार में कलम की गई।
.
तुर्कों के हरम यूरोप की गोरी त्वचा वाली युवतियों से भरे रहते थे। हर साल यूरोप में दूर दूर से, यहाँ तक कि आइसलैंड तक से तुर्क लोग असंख्य गोरे लोगों को पकड़ कर ले आते, और सब को गुलाम बना दिया जाता।
.
उस्मानिया सल्तनत के आधीन, अधिकांश पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया, पूरा अरब, फिलिस्तीन, और उत्तरी अफ्रीका के सारे देश थे। मध्य एशिया के डाकू खुद को तुर्क ही बताते थे। उज्बेकिस्तान के डकैत स्वयं को मुगल कहते थे। उज्बेकिस्तान के ही एक हत्यारे डकैत मुगल बाबर ने भारत पर आक्रमण किया था।
९ फरवरी २०२३
No comments:
Post a Comment