जिन लोगों ने देश को लूटकर हजारों करोड़ की संपत्ति बनाई है, वह संपत्ति उन के क्या काम आएगी?
मुगल बादशाहों के वंशज अब कपड़ों की सिलाई कर के या सब्जियाँ बेचकर दिल्ली में अपना गुजारा कर रहे हैं| बड़े बड़े नवाबों की सन्तानें पहले तांगा चलाती थीं, अब टेक्सी चला रहे हैं| पूर्व शासकों के परिवारों के सदस्य नरेगा में मजदूरी कर रहे हैं| अनेक समृद्ध लोग आत्महत्या कर के या पागल होकर मर रहे हैं| बड़े बड़े महल और हवेलियाँ खंडहर हो रही हैं, किसी को पता ही नहीं है कि इन के स्वामी कौन थे?
किसी भी मंदिर के बाहर भिखारियों की भीड़ देखो| ये भिखारी अपने पूर्व जन्म में बड़े-बड़े सरकारी कर्मचारी और अधिकारी थे| दुनियाँ इनसे डरती थी| इनकी माँगने की आदत नहीं गई तो भगवान ने इनकी ड्यूटि यहाँ लगा दी| अब जो घूसखोर व चोर कर्मचारी हैं, वे भी दर दर भटक कर भीख माँगने की तैयारी कर रहे हैं|
यह सदा से होता आया है और सदा होता ही रहेगा|
४ सितंबर २०२१
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