Tuesday, 31 December 2024

देवता पुरुष डॉ.जीवनचंद जैन को श्रद्धांजलि !

८३ वर्ष की आयु में हमारे यहाँ के गरीबों के मसीहा और हर दृष्टि से मनुष्य देह में देवता, डॉ.जीवनचंद जैन नहीं रहे|
३१ दिसंबर २०१८ को उनके निधन पर शोक में आज हमारे यहाँ के और आसपास के सारे बाजार और सारे शिक्षण संस्थान स्वतः ही बंद हो गए हैं|
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गरीबों की जितनी सेवा और कल्याण के कार्य उनके स्वयं के द्वारा और उन की प्रेरणा से औरों के द्वारा हुए, वैसे मैंने अपने पूरे जीवन काल में अन्यत्र कहीं भी किसी अन्य के द्वारा होते हुए नहीं देखे| अपनी सारी आय को वे परोपकार में लगा देते थे| वे अपने आप में एक संस्था और राजस्थान के पूरे शेखावाटी क्षेत्र में किसी भी परिचय के मोहताज नहीं थे|
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उनका जन्म राजस्थान के करौली में हुआ था पर कर्मभूमि झुंझुनू ही थी| उनकी धर्मपत्नी स्व.डॉ.कुन्दनबाला जैन पिलानी के डॉ.नंदलाल ध्रुव की पुत्री थीं| वे भी अपने जीवनकाल में एक देवी थीं| पुनश्चः श्रद्धांजलि !

३१ दिसंबर २०१८ . डॉ.जैन मनुष्य देह में हर दृष्टी से एक देवता थे| उनके स्वयं के द्वारा और उनकी प्रेरणा से सैंकड़ों अन्य व्यक्तियों द्वारा जो सेवा कार्य मैनें होते हुए देखे हैं, उनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता| उनकी धर्मपत्नी स्व.डॉ.कुंदनबाला जैन भी एक दैवीय व्यक्तित्व की धनी थीं| डॉ.जैन अपने समय के एक विख्यात मेडिकल सर्जन थे| उनसे गरीबों का दुःख देखा नहीं गया और अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट प्रैक्टिस करने लगे| पहली बार कोई मरीज उनके पास आता तो वे मात्र दस रुपया फीस का लेते और बाद में सिर्फ पांच रुपया| किसी के पास में वह भी नहीं होता तो कोई बात नहीं, उसके निःशुल्क इलाज़ की व्यवस्था हो जाती| जटिल से जटिल ऑपरेशन भी सिर्फ लागत मूल्य पर ही कर देते| दवाइयाँ भी सिर्फ आवश्यक और कम से कम लिखते थे| बहुत सस्ते में इलाज करा देते थे| उनकी प्रेरणा से हर वर्ष सैंकड़ों गरीबों का निःशुल्क इलाज होता था| हर वर्ष गरीबों को सैंकड़ों कम्बल. रजाइयाँ, स्वेटर आदि दी जाती थीं| अनेक महिलाओं को सिलाई की मशीनें देकर स्वावलंबी बनाया गया| और भी अनगिनित सेवा कार्य उनकी प्रेरणा से हो रहे थे|
राजस्थान के झुंझुनू जिले की एक महान हस्ती अब इस दुनियाँ में नहीं रही| डॉ.जीवनचंद जैन साहब को नमन !

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