(प्रश्न) : ध्यान किसका किया जाता है?
(उत्तर) : ध्यान -- परमात्मा की ज्योतिर्मय अनंतता का ही किया जाता है।
"ब्रह्म" शब्द में सब समाहित हो जाते हैं। वे ही पुरुषोत्तम, वे ही परमशिव, और वे ही परमात्मा हैं। यह अनंत विस्तार, प्राण, ऊर्जा, और सम्पूर्ण अस्तित्व वे ही हैं। (ऊर्जा के कण व खंड, उनकी गति, प्रवाह और विभिन्न आवृतियों पर उनके स्पंदनों से ही इस भौतिक सृष्टि का निर्माण हुआ है)
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