Tuesday, 10 December 2024

जीवन में सुख, शांति और समृद्धि से भी अधिक महत्वपूर्ण है परमात्मा से परम प्रेम ---

जीवन में सुख, शांति और समृद्धि से भी अधिक महत्वपूर्ण है परमात्मा से परम प्रेम और स्वयं में परमात्मा की अभिव्यक्ति| इसके लिए स्वयं को निरंतर अभ्यास करना होता है| जब कोई कुआँ खोदता है तब प्रचुर जल प्राप्त होने तक जल के सिवा प्राप्त अन्य सब कुछ दूर हटा देता है| सोने की खदान में टनों मिटटी हटाने पर कुछ ग्राम सोना प्राप्त होता है| धैर्य खो देने पर कुछ भी नहीं मिलता| उसी लगन से परमात्मा की खोज हमें करनी होती है| वह तभी होगी जब हमें उस से प्रेम होगा| उस प्रेम को निरंतर समर्पित करते रहो| ॐ ॐ ॐ ||

१० दिसंबर २०१७

No comments:

Post a Comment