Tuesday, 25 October 2022

शरद पूर्णिमा पर सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन ---

 शरद पूर्णिमा पर सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन ---

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आज रात्री में सारा जगत श्रीकृष्णमय होगा। भगवान श्रीकृष्ण आज की रात्रि में सचमुच प्रकट होंगे। चारों ओर ईश्वरीय शांति होगी। आप सभी कॊ शरदपूर्णिमा की
बधाई
हॊ। उनकी कृपा आप पर सदा बनी रहे।
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आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस रात्रि की चाँदनी रात सोलह कलाओं से परिपूर्ण होती है, चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत समान होती हैं। समुद्र मंथन के समय इसी दिन मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। आज महालक्ष्मी जी का जन्मदिवस भी है। रात्रि को खीर बनाकर चाँदनी रात में रखते हैं और प्रातः प्रसाद के रूप में इसका सेवन करते हैं। आज के दिन ही मीराबाई जी की जयंती भी मनाई जाती है।
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आज की रात्रि में आठ या नौ वर्ष की आयु के बालक भगवान श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। नौ वर्ष की आयु में तो उन्हें पढ़ने के लिए गुरुकुल भेज दिया गया था। अपनी सारी लीलाएँ उन्होंने नौ वर्ष की आयु से पहले पहले की थीं। आठ-नौ वर्ष की आयु के बालक के मन में कोई विकार नहीं होता। वृंदावन की सभी गोपियाँ उनके साथ नृत्य करना चाहती थीं। श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात यमुना तट के पास निधिवन में गोपियों को मिलने के लिए कहा। शरद पूर्णिमा की रात सभी गोपियां निधिवन पहुंच गईं। उस समय निधिवन में जितनी गोपियां थीं, श्रीकृष्ण ने उतने ही रूप धारण किए और सभी गोपियों के साथ रास रचाया यानि नृत्य किया।
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शरद पूर्णिमा की चाँदनी रात में ईश्वरीय शांति होगी। भगवान श्रीकृष्ण अपने सभी भक्तों के समक्ष स्वयं को व्यक्त करेंगे। उनकी बांसुरी की धुन में, उनके संगीत में अद्भुत जादू होगा। आप सब का पुनश्च
अभिनंदन
!! मैं तो उन्हीं के साथ रहूँगा॥
ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
९ अक्तूबर २०२२

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