Monday, 11 March 2019

धर्म और राष्ट्र की रक्षा करें .....

वर्तमान समय में धर्म और राष्ट्र पर वैश्विक जिहादी आतंकवाद के कारण आये हुए इस परम संकटकाल में धर्म और राष्ट्र की रक्षा करना हमारा सर्वोपरी धर्म है| धर्म रहेगा तभी यह राष्ट्र बचेगा, और राष्ट्र बचेगा तभी धर्म यहाँ रहेगा| हर क्षण हर कदम पर धर्म और राष्ट्र की हम रक्षा करें| वैश्विक आतंकवादी जिहाद के कारण आये हुए इस संकट से स्वयं की और राष्ट्र की रक्षा करें| अन्यथा हमारा ही अस्तित्व समाप्त हो जाएगा| वैश्विक जिहादी आतंकवाद के अतिरिक्त ईसाई धर्मांतरण, मार्क्सवाद, धर्मनिरपेक्षतावाद, तुष्टिकरण और धर्म-विहीनता भी हमें नष्ट करने पर तुली हुई हैं| स्वधर्म को न छोड़ें, उसका दृढ़ता से पालन करें| भागवान का आश्वासन है जो हमारी रक्षा करेगा ....
"नेहाभिक्रमनाशोऽस्ति प्रत्यवायो न विद्यते | स्वल्पमप्यस्य धर्मस्य त्रायते महतो भयात् ||२:४०||
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इस के लिए हर कदम पर प्रतिकार करना होगा और भक्ति व आध्यात्मिक साधना भी करनी होगी| कामवासना, लोभ और क्रोध ..... ये तीनों नरक के मुख्य द्वार है| जो भी विचारधारा इनको प्रश्रय देती है, वह भी नर्कगामी है| पुरुषार्थ से भ्रष्ट हो जाना ही आत्मा का हनन है, और यही नर्क है| पुरुषार्थ है अपने अंतःकरण (मन,बुद्धि, चित्त और अहंकार) पर पूर्ण विजय| हम अपने धर्म और राष्ट्र की रक्षा करने में समर्थ हों| भगवान हमारी रक्षा करें| ॐ ॐ ॐ !!
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वर्तमान समय में अनिष्ट आसुरी शक्तियों से रक्षा के लिए घर में एक आध्यात्मिक सुरक्षा कवच का निर्माण आवश्यक है| प्रातः सायंकाल की नियमित ध्यान साधना से, निरंतर हरि स्मरण से, पूजा-पाठ से एक रक्षा कवच का निर्माण होता है| पूजा के समय शंख में जल रखें व उस में तुलसी-पत्र हो| पूजा के उपरांत वह जल घर के दरवाजे से लेकर सभी कमरों में छिडकें| माथे पर तिलक और शिखा धारण, परमात्मा में दृढ़ आस्था, सादा जीवन उच्च विचार, भारतीय वेषभूषा, घर का सात्विक वातावरण, सात्विक आहार, नियमित दिनचर्या ..... ये सब हमारी आसुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं| आनेवाले संकटों से बचने और बचाने के लिए आध्यात्मिक शक्ति का आवाहन व संवर्धन आवश्यक हो गया है|
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सभी को शुभ कामनाएँ और नमन ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
६ मार्च २०१९

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