Monday 11 March 2019

भारत पर आक्रमण भारतीयों ने ही करवाए ......

पिछले एक-डेढ़ हज़ार वर्षों के भारत के इतिहास को देखें तो लगता है कि भारत में समाज और राष्ट्र की अवधारणा बहुत गहरी नहीं थी| भारत में बहुत अधिक सद्गुण विकृतियाँ तो थी हीं अनेक रजोगुण और तमोगुण की विकृतियाँ भी आ गईं| भारत पर हुए अधिकांश आक्रमण भारतीयों ने ही करवाए, यह हमारे इतिहास का एक दुखद पक्ष है| भारत पर जितने भी विदेशी आक्रमण हुए उन सब के पीछे कोई न कोई घर में छिपा हुआ गद्दार ही था|
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बहुत पीछे न जाकर पिछले ७५ वर्षों में ही जाएँ| सन १९४७ में हुए सत्ता के हस्तांतरण जिसे हम अंग्रेजों से मिली आजादी कहते हैं, के बाद भारत पर पहला आक्रमण १९४८ में पाकिस्तान द्वारा हुआ जिसके लिए गाँधी और नेहरु ने ही पकिस्तान को ५५ करोड़ रुपये दिए थे| गाँधी जी अनशन कर के बैठ गए और नेहरु द्वारा पकिस्तान को ५५ करोड़ की आर्थिक सहायता दिला ही दी, जिस से पकिस्तान ने भारत पर आक्रमण कर दिया और आधा कश्मीर भारत से छीन लिया| जैसे ही भारतीय सेना ने उनको खदेड़ना आरम्भ किया, युद्ध रोक कर संयुक्त राष्ट्र में चले गए, जहाँ आज तक कोई निर्णय नहीँ हुआ| इस सहायता से पाकिस्तान ने लगभग ३० से ३५ लाख हिन्दुओं की ह्त्या की और लगभग दो करोड़ हिन्दुओं को वहाँ से भगा दिया|
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जितनी गहराई में जाते हैं,उतनी ही अधिक पीड़ा होती है| १९६५ में हुए युद्ध में जैसे ही जीतने लगे युद्ध रुकवा दिया गया और प्रधानमन्त्री श्री लाल बहादुर शास्त्री को ताशकंद बुलवा कर उनकी सन्दिग्ध मृत्यु करवा कर इंदिरा गाँधी को प्रधानमंत्री बना दिया गया| 
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भारत से मुझे अत्यधिक प्रेम है| भगवान से प्रार्थना ही कर सकता हूँ कि भारत को असत्य और अन्धकार की शक्तियों से मुक्त कर पुनश्चः परम वैभव प्रदान करें|

ॐ तत्सत् !
१२ मार्च २०१९


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