Sunday, 23 February 2025

आओ, अब विशुद्ध आध्यात्म की बातें करेंगे ---

 आओ, अब विशुद्ध आध्यात्म की बातें करेंगे ---

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मैं विश्व के कारण नहीं, विश्व मेरे कारण है। मैं ही समस्त जीवन हूँ। जीवन मेरा नहीं, मैं जीवन का निर्माण कर रहा हूँ। मैं भगवान के साथ एक हूँ, और भगवान मेरे साथ एक है। सृष्टि मेरे से है, मैं सृष्टि से नहीं।
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जीवन में आज तक भगवान के रूप में मैं सिर्फ स्वयं से यानि भगवान से ही मिला हूँ, और भगवान में ही विचरण किया है। अन्य कोई है ही नहीं। भगवान ही यह "मैं" बन गए हैं। भगवान से पृथक होने का बोध एक भ्रम मात्र है। ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
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I am happening to Life. Life is not happening to me. Every thought I think, impacts the physical world around me. and magnetizes a reality that matches my thoughts and feelings. The power to change things is within me, not without me. Om Om Om !! १९ फरवरी २०२२

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