Sunday, 23 February 2025

आध्यात्म की गूढ बातें, गुरुकृपा से अनुभूतियों द्वारा ही समझ में आती हैं ---

पिछले कई वर्षों से मैं फेसबुक पर आध्यात्म और हिन्दू राष्ट्रवाद के छोटे-मोटे लेख लिखता आया हूँ। स्वयं के भावों को व्यक्त करने की अदम्य उत्कंठा ही लिखने को बाध्य करती थी। अब हृदय पूरी तरह तृप्त है। अवशिष्ट जीवन परमात्मा को समर्पित है। किसी भी तरह की कोई चाहत नहीं है, पूरा मार्गदर्शन भगवान से प्राप्त है, और किसी भी तरह का कोई संशय नहीं है।
आध्यात्म की गूढ बातें -- गुरुकृपा से अनुभूतियों द्वारा ही समझ में आती हैं, अतः सार्वजनिक मंच पर उन की चर्चा करना व्यर्थ है।
एक सामान्य व्यक्ति के लिए तो धीरे-धीरे मानसिक रूप से निरंतर राम नाम का जप ही सर्वश्रेष्ठ साधना है।
जहाँ तक आध्यात्म की बात है, कोई ऐसा प्रश्न, संशय, शंका या जिज्ञासा मेरे समक्ष नहीं है, जिसका समाधान अभी तक मुझे नहीं हुआ हो। सारा मार्ग पूर्णतः स्पष्ट है। अतः अब और कुछ लिखने को कुछ बचा ही नहीं है। भगवान स्वयं सामने आकर बैठ गए हैं, और इधर-उधर कहीं भी नहीं देखने दे रहे हैं। उनको छोड़कर अन्यत्र कहीं दृष्टि कर भी नहीं सकता। आप सब महान आत्माओं को नमन !! ॐ तत्सत् !!

कृपा शंकर
११ अप्रेल २०२२



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