(प्रश्न) : भगवान के ध्यान और भक्ति से हमें क्या मिलेगा?
(उत्तर) : जो कुछ भी हमारे पास है, वह सब कुछ छीन लिया जाएगा।
.
बाकी रह जायेगी केवल एक अनंत सर्वव्यापी सच्चिदानंद परमात्मा की अनुभूति कि वे ही कर्ता और भोक्ता हैं। उनके श्रीचरणों में आश्रय मिल जायेगा, आगे के सारे द्वार अपने आप ही खुलने लगेंगे, सारे दीप भी अपने आप ही प्रज्ज्वलित हो उठेंगे, और सारा अंधकार दूर हो जाएगा। आप परमात्मा की वह ज्योति बन जाओगे, जो कभी बुझाई नहीं जा सकती। वह ज्योति, उसका अनंत विस्तार, और उसमें से निःसृत हो रहे नाद की ध्वनि आप स्वयं हो जाओगे।
.
परमप्रेममय होकर परमात्मा का ध्यान कीजिये। आपका मौन और एकाग्रता -- परमात्मा का सिंहासन बन जायेगा। आप यह मनुष्य देह नहीं, स्वयं साक्षात सर्वव्यापी परमब्रह्म के साथ एक हो जाओगे। यही परमात्मा के ध्यान से मिलेगा, और कुछ भी नहीं।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२७ नवंबर २०२४
No comments:
Post a Comment