Monday, 16 September 2024

भगवान ने कभी भी मुझे अंधकार में नहीं रखा ---

आध्यात्मिक साधना में कई बार ऐसे दुरूह प्रश्न हमारे समक्ष आते हैं जिनका कोई उत्तर नहीं होता। उनका उत्तर ढूँढने में समय नष्ट नहीं करना चाहिये। कोई भी उलझन हो तो प्रत्यक्ष परमात्मा से पूछें, न कि किसी अन्य से। आज तक किसी भी आध्यात्मिक विषय पर भगवान से जो कुछ भी मैनें पूछा है, उसका उत्तर मुझे निश्चित रूप से मिला है। भगवान ने कभी भी मुझे अंधकार में नहीं रखा। लेकिन उत्तर सिर्फ आध्यात्मिक विषयों के ही मिले हैं, किसी लौकिक विषय पर नहीं।

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पुनश्च: --- हम निरंतर परमात्मा की चेतना में रहें। किसी भी तरह का कोई संशय या बंधन हमारे साथ न हो। साधना यानि तप तो हमें करना ही होगा, उसमें कोई छूट नहीं मिल सकती। लेकिन निमित्त मात्र होकर ही करें। ॐ ॐ ॐ !! १६ सितंबर २०२४

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