Sunday, 25 August 2024

जन्माष्टमी की मोहरात्रि पूरी सृष्टि के लिए मंगलमय हो ---

 भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मेरे चैतन्य में निरंतर हो रहा है। मैं कैसे वर्णन करूँ? अनन्तकोटि ब्रह्माण्डों का ऐश्वर्य जिनका अंशमात्र हैं, ऐसे तेज:स्वरूप वासुदेव भगवान श्रीकृष्ण हर समय निरंतर मेरे समक्ष हैं। उनका रूप इतना तेजस्वी है कि उनकी ओर देखा भी नहीं जा रहा है। मैं तृप्त हूँ, मैं धन्य हूँ उन्हें पाकर !! वे मेरे प्राण हैं, इससे अधिक कुछ भी नहीं कह सकता।

सभी प्राणियों के लिए जन्माष्टमी की मोहरात्रि शुभ और मंगलमय हो॥
ॐ तत्सत् !! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !!ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२५ अगस्त २०२४

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