Sunday 9 September 2018

असत्य रूपी अन्धकार चारों ओर है पर उसका निदान क्या है? ....

असत्य रूपी अन्धकार चारों ओर है पर उसका निदान क्या है? उसे हम कैसे दूर कर सकते हैं?
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उसे नष्ट करने के लिए एक ज्योति जलानी होगी| पहले तो अन्धकार को पहिचानें कि वास्तव में अन्धकार है, तभी तो उसका प्रतिरोध हम कर सकते हैं| भगवान ने हमें विवेक दिया है| उस विवेक के प्रकाश में अपने शांत दिमाग से यह निर्णय करें कि वर्त्तमान परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ हम क्या कर सकते हैं? फिर भगवान को ह्रदय में रखते हुए जो भगवान चाहते हैं वही करें| कर्ता भगवान को ही बनाएँ| भगवान को अपने माध्यम से कार्य करने दें|
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हर समस्या का यही सही समाधान है| अपनी मानसिक शांति न खोएँ, चित्त को शांत रखें, किसी भी तरह का क्रोध न करें|
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ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
३१ अगस्त २०१८

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