Wednesday, 23 November 2016

जो परमात्मा को उपलब्ध हो गए हैं वे इस पृथ्वी पर देवता है .....

जो परमात्मा को उपलब्ध हो गए हैं वे इस पृथ्वी पर देवता है .....
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जो परमात्मा को उपलब्ध हो गए हैं वे इस पृथ्वी पर देवता है, वे ही ब्राह्मण हैं| यह पृथ्वी उन्हें पाकर धन्य हो जाती है| जहाँ भी उनके चरण पड़ते हैं वह भूमि पवित्र हो जाती है| देवता उन्हें देखकर आनंदित होते हैं, पितृगण उन्हें देखकर नृत्य करते हैं| उनकी सात पीढियाँ तर जाती हैं| उनके चरणों की रज मस्तक पर धारण व स्नान करने योग्य है| वह कुल और वह भूमि धन्य है जहाँ ऐसी आत्माएँ जन्म लेती हैं|
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आप भी परमात्मा को प्राप्त हों| जिस पर भी आपकी दृष्टि पड़े वह तत्क्षण परम प्रेममय हो निहाल हो जाए| जो आपको देखे वह भी तत्क्षण धन्य हो जाए|
आप अपने सर्वव्यापी शिवरूप में स्थित हो सम्पूर्ण समष्टि का कल्याण करने अवतरित हुए हो| आप सामान्य मनुष्य नहीं, परमात्मा की अमृतमय अभिव्यक्ति हो, साक्षात शिव परमब्रह्म हो|

भगवान कहीं आसमान से नहीं उतरने वाले, अपने स्वयं के अन्तर में उन्हें जागृत करना होगा| आप में कूटस्थ ज्योतिर्मय ब्रह्म का आलोक ही बाहर के तिमिर का नाश कर सकता है|
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ॐ तत्सत् | अयमात्माब्रह्म | ॐ ॐ ॐ ||

1 comment:

  1. आप परमात्मा के अहैतुकी परम प्रेम हैं| इस परम प्रेम को सबके हृदयों में जागृत करें|

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