Thursday, 11 September 2025

कुछ दिन पूर्व जयपुर के डा.योगेश चन्द्र मिश्र के देहावसान से एक विलक्षण व्यक्तित्व का अभाव हो गया| ----

 कुछ दिन पूर्व जयपुर के डा.योगेश चन्द्र मिश्र के देहावसान से एक विलक्षण व्यक्तित्व का अभाव हो गया| वर्षों पूर्व जब मेरा उनसे परिचय हुआ था तब वे जयपुर में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में नेत्र चिकित्सा विभाग के प्रमुख थे| मेरे बड़े भाई साहब भी नेत्र शल्य चिकित्सक हैं, और दोनों में अच्छी आत्मीयता थी, इसी कारण मेरा परिचय उनसे हुआ था| मेडिकल कॉलेज में आने से पूर्व डा.मिश्र स्थल सेना में डॉक्टर थे|

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उनसे मैं प्रभावित तो किसी अन्य कारण से ही हुआ था| वे माँ बगलामुखी के एक महान सिद्ध साधक संत थे| शक्ति-तत्व और तंत्र शास्त्रों का जितना गहन ज्ञान उन्हें था, वैसा कोई अन्य मनीषी मुझे इस जीवन में आज तक नहीं मिला है| वे मुझसे अत्यधिक स्नेह रखते थे| मुझे तंत्र और मन्त्रों का नाम मात्र का जो भी अति अति अति अल्पतम ज्ञान है वह उनकी कृपा से ही है| दो बार नवरात्रियों का अनुष्ठान भी मैंने उनके सान्निध्य में किया था| माँ भगवती का साक्षात्कार भी उन्हें हुआ था| शक्ति तत्व के उपासक होने के कारण उनका व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली था|
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दतिया की पीताम्बरा पीठ के संस्थापक स्वामीजी महाराज जो एक महान योगी, तांत्रिक और परम सिद्ध पुरुष थे, के पट्ट शिष्यों में डा.योगेश चन्द्र मिश्र जी भी थे| डा.योगेश चन्द्र मिश्र ने अपने गुरु की प्रसन्नता के लिए संस्कृत भाषा सीखी और अनेक ग्रंथों का संस्कृत से आंग्ल भाषा में अनुवाद किया|
मेरी रूचि अन्यत्र थी अतः उनके मार्ग का अनुयायी तो नहीं बना पर अप्रत्यक्ष रूप से उनकी कृपा का पात्र अवश्य रहा|
उनको मेरी श्रद्धांजलि | ॐ ॐ ॐ |
१२ सितंबर २०१५

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