इस समय भारत को Ex-India बनाने यानि तोड़कर अनेक अधर्मी देश बनाने का अंतर्राष्ट्रीय षड़यंत्र चल रहा है, जिसे कभी सफल नहीं होने देंगे। कुछ असत्य और अंधकार की शक्तियाँ भारत से सनातन धर्म और संस्कृति को समूल नष्ट करना चाहती हैं। सबसे पहिले वे ब्राह्मणों के विरुद्ध अधिकतम दुष्प्रचार कर ब्राह्मणों की संस्था को नष्ट कर सत्य सनातन धर्म को ही मिटाना चाहती हैं। वे असुर कभी सफल नहीं होंगे।
"य इमं परमं गुह्यं मद्भक्तेष्वभिधास्यति।
भक्तिम् मयि परां कृत्वा मामेवैष्यत्यसंशयः॥१८:६८॥"
"न च तस्मान्मनुष्येषु कश्चिंमे प्रियकृत्तमः।
भविता न च मे तस्मादन्यः प्रियतरो भुवि॥१८:६९॥"
अर्थात् -- जो पुरुष मुझसे परम प्रेम (परा भक्ति) करके इस परम गुह्य ज्ञान का उपदेश मेरे भक्तों को देता है, वह नि:सन्देह मुझे ही प्राप्त होता है॥
न तो उससे बढ़कर मेरा अतिशय प्रिय कार्य करने वाला मनुष्यों में कोई है और न उससे बढ़कर मेरा प्रिय इस पृथ्वी पर दूसरा कोई होगा॥
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ॐ तत्सत् !! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥ ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
६ सितंबर २०२५
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