Monday 31 October 2022

मेरा आध्यात्मिक पतन कब कब हुआ है?

 मेरा आध्यात्मिक पतन कब कब हुआ है?

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यह आध्यात्मिक यात्रा एक साँप-सीढ़ी का खेल है। जिस क्षण ही कुछ पाने की कामना मन में उत्पन्न हुई है, उसी क्षण मेरा सन्मार्ग से पतन हुआ है। कोई भी कैसी भी कामना हो वह हमें पतन के गड्ढे में डालती है।
एक ओर तो हम ब्रह्मज्ञान यानि वेदान्त की बात करते हैं, दूसरी ओर लौकिक कामनाएँ करते हैं। दोनों ही एक दूसरे के विपरीत हैं। हृदय में एक अभीप्सा होनी चाहिए, न कि कोई कामना।
आध्यात्म में हम परमात्मा को समर्पित होते हैं, न कि उनसे कोई आकांक्षा करते हैं। समर्पित होना ही परमात्मा को प्राप्त करना है।
ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
३१ अक्तूबर २०२२

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