Monday, 31 October 2022

आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक ---

 आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक ---

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भारत से असत्य का अंधकार दूर हो, सत्य-सनातन-धर्म की पुनःप्रतिष्ठा और वैश्वीकरण हो, और भारत अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखंडता के सिंहासन पर बिराजमान हो। ये ही मेरे संकल्प हैं, ये ही मेरी इच्छाएँ हैं, और ये ही मेरे अरमान हैं, जो पता नहीं कब पूर्ण होंगे? संसार से उम्मीद छोड़ दी है। भगवान पर ही पूरी तरह निर्भर हूँ। वे अवश्य मेरे संकल्प पूर्ण करेंगे। गीता में दिए उनके वचनों में मेरी पूर्ण श्रद्धा है --
"यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत्।
यत्तपस्यसि कौन्तेय तत्कुरुष्व मदर्पणम्॥९:२७॥
शुभाशुभफलैरेवं मोक्ष्यसे कर्मबन्धनैः।
संन्यासयोगयुक्तात्मा विमुक्तो मामुपैष्यसि॥९:२८॥
समोऽहं सर्वभूतेषु न मे द्वेष्योऽस्ति न प्रियः।
ये भजन्ति तु मां भक्त्या मयि ते तेषु चाप्यहम्॥९:२९॥
अपि चेत्सुदुराचारो भजते मामनन्यभाक्।
साधुरेव स मन्तव्यः सम्यग्व्यवसितो हि सः॥९:३०॥"
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अब और धैर्य नहीं है। हरिःकृपा तुरंत इसी समय फलीभूत हो।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
४ सितंबर २०२२

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