जीवन में अपना सर्वश्रेष्ठ हम क्या कर सकते हैं यह स्वयं के हृदय से
पूछें और अपना सर्वश्रेष्ठ भारत माँ को और परमात्मा को समर्पित करें .....
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चारों ओर चाहे कितना भी गहन अन्धकार हो, अनेक महान आत्माएँ किसी भी तरह के यश और कीर्ति की कामनाओं से दूर दिन-रात एक कर के भारत के सकारात्मक उत्थान में लगी हुई हैं| अनेक सनातन धर्म-प्रचारक पूरे विश्व में सनातन धर्म और आध्यात्म के प्रचार-प्रसार में निःस्वार्थ भाव से लगे हुए हैं| संघ के हज़ारों अज्ञात प्रचारक शांत भाव से अपने निज जीवन की आहुति देकर माँ भारती की सेवा में राष्ट्र साधना कर रहे हैं| अनेक वास्तविक साधू-संत अपनी साधना से राष्ट्र को एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं| अनेक पूरी तरह से निष्ठावान व ईमानदार अधिकारी और कर्मचारी अपनी सेवाएँ राष्ट्र को प्रदान कर रहे हैं| सभी बुरे नहीं हैं, कुछ कुछ अच्छे लोग भी हैं जो किसी भी तरह के प्रचार से दूर हैं| ये आशादीप हैं जो तिल तिल जलते हुए सतत अंधकार से संघर्ष कर रहे हैं और देवभूमि, पुण्यभूमि, माँ भारती के गौरव को पुनः विश्व में स्थापित करने में लगे हैं| इन आशा दीपों की जय हो|
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जो दबा हुआ है वह ही अंकुरित और पल्लवित होगा| कौवों की काँव काँव और कुत्तों के भोंकने से हमें विचलित नहीं होना चाहिए| वे अपना धर्म निभा रहे हैं| हमें अपना धर्म निभाना चाहिए|
आप सब परमात्मा के साकार रूप हैं| स्वयं में अव्यक्त परम ब्रह्म को व्यक्त करें| जीवन में इसी क्षण से अपना सर्वश्रेष्ठ करें| भगवान हमारे साथ है|
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चारों ओर चाहे कितना भी गहन अन्धकार हो, अनेक महान आत्माएँ किसी भी तरह के यश और कीर्ति की कामनाओं से दूर दिन-रात एक कर के भारत के सकारात्मक उत्थान में लगी हुई हैं| अनेक सनातन धर्म-प्रचारक पूरे विश्व में सनातन धर्म और आध्यात्म के प्रचार-प्रसार में निःस्वार्थ भाव से लगे हुए हैं| संघ के हज़ारों अज्ञात प्रचारक शांत भाव से अपने निज जीवन की आहुति देकर माँ भारती की सेवा में राष्ट्र साधना कर रहे हैं| अनेक वास्तविक साधू-संत अपनी साधना से राष्ट्र को एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं| अनेक पूरी तरह से निष्ठावान व ईमानदार अधिकारी और कर्मचारी अपनी सेवाएँ राष्ट्र को प्रदान कर रहे हैं| सभी बुरे नहीं हैं, कुछ कुछ अच्छे लोग भी हैं जो किसी भी तरह के प्रचार से दूर हैं| ये आशादीप हैं जो तिल तिल जलते हुए सतत अंधकार से संघर्ष कर रहे हैं और देवभूमि, पुण्यभूमि, माँ भारती के गौरव को पुनः विश्व में स्थापित करने में लगे हैं| इन आशा दीपों की जय हो|
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जो दबा हुआ है वह ही अंकुरित और पल्लवित होगा| कौवों की काँव काँव और कुत्तों के भोंकने से हमें विचलित नहीं होना चाहिए| वे अपना धर्म निभा रहे हैं| हमें अपना धर्म निभाना चाहिए|
आप सब परमात्मा के साकार रूप हैं| स्वयं में अव्यक्त परम ब्रह्म को व्यक्त करें| जीवन में इसी क्षण से अपना सर्वश्रेष्ठ करें| भगवान हमारे साथ है|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर
२६ अप्रेल २०१८
कृपा शंकर
२६ अप्रेल २०१८
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