Sunday 28 August 2016

क्या हम ज़िंदा हैं ??? ==============

क्या हम ज़िंदा हैं ??? ==============

हम तथाकथित बुद्धिजीवी
हैं स्तब्ध !
निहत्थे और निष्प्रभ !!
न आत्म विश्वाश है हम में
न साहस
फिर भी ज़िंदा हैं -
इस दु:साहस के लिए सचमुच हम शर्मिन्दा हैं !!!

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने अपने निबंध 'भीष्म को क्षमा नहीं किया गया' में अकाट्य तर्कों से इस तथ्य को रेखांकित किया है कि जो लोग समाज की उपेक्षा करते हुए स्वहित को महत्व देते हैं, अन्याय के विरुद्ध आवाज़ नहीं उठाते उन्हें इतिहास कभी माफ़ नहीं करता|
इसीलिये अपनी सम्पूर्ण विद्वता और वरिष्ठता के उपरांत भी भीष्म को क्षमा नहीं किया गया| अपनी भीष्म प्रतिज्ञा और और त्याग के बावजूद भीष्म इतिहांस के पन्नों में अपना स्वर्णिम स्थान नहीं बना सके क्योंकि वे अन्याय के समक्ष चुप रहे| उनका मौन प्रकारांतर से उनकी कायरता का प्रतीक बन गया है|
(साभार: वीरा डा. नीरू खींचा, झुंझुनू,राजस्थान)

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