Sunday 28 August 2016

कुछ ज्योतिर्मय इतना आलोक लेकर आते हैं ......

कुछ ज्योतिर्मय इतना आलोक लेकर आते हैं कि उनके जाने के बाद भी प्रकाश ही प्रकाश रह जाता है|
हम सब भी उसी ज्योति और प्रेम की अभिव्यक्ति हैं|
जीवन की सार्थकता इसी में हैं कि हम परमात्मा को पूर्णतः समर्पित होकर स्वयं ज्योतिर्मय बनें|
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हम प्रभु को समर्पित पुष्प बनें
जब उसकी उपस्थिति की रश्मियों से
भक्ति पल्लवित होगी
तब उसकी महक
हमारे ह्रदय से
सभी हृदयों में व्याप्त हो जाएगी
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ॐ ॐ ॐ || अयमात्मा ब्रह्म ||

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