Sunday 28 August 2016

हम मानसिक दासता से मुक्त हों .....

हम मानसिक दासता से मुक्त हों .....
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बचपन में एक कविता पढी थी जिसकी दो पंक्तियाँ अभी तक याद है .....
"संसार में हों कष्ट कम तो नर्क में भिजवाइये,
पर हे दयानिधि, दासता का दृश्य मत दिखलाइये |"
भारत को गुलाम और दीन-हीन बनाने के लिए असुर/राक्षस अंग्रेजों ने भारत की कृषि और शिक्षा व्यवस्था को बड़ी कुटिलता और क्रूरता से नष्ट कर दिया था| उनके समय में भारत में बड़े भयानक अकाल पड़े और करोड़ों लोग भूख से मरने को विवश किये गए|
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भारत में ब्राह्मणों का पतन अंग्रेजों की कुटिल शिक्षा नीतियों और सन् १८५७ के विफल प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के बाद में उनके द्वारा बनाये गए Indian Education Act के कारण हुआ| तब तक ब्राह्मण निःस्वार्थ रूप से अपने कर्मकांड करते थे, और गुरुकुल चलाते थे| समाज उनकी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता था|
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अंग्रेजों ने गुरुकुलों पर प्रतिबन्ध लगा दिया| गुरुकुल चलाने वाले ब्राह्मणों का सब कुछ छीन लिया और पूरे भारत में चलने वाले लाखों गुरुकुलों को आग लगवाकर नष्ट कर दिया| गुरुकुलों को सहायता देना अपराध घोषित कर दिया और अनेक आचार्य ब्राह्मणों की हत्याएं करवा दीं और बचे हुए ब्राह्मणों को इतना दरिद्र बना दिया कि वे अपने बच्चों को शिक्षा देने में भी असमर्थ हो गए|
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आजकल हर बात के लिए ब्राह्मणों को दोष देना उनके साथ अन्याय ही है| ब्राह्मण सदा निःस्वार्थ और परोपकारी रहे थे| आज जो भी धर्मग्रंथ बचे हैं वे ब्राह्मणों ने रट रट कर अपनी स्मृति से सुरक्षित रखे थे| हिन्दू पुस्तकालयों को तो मुसलमान शासकों ने अपने शासन काल में नष्ट कर दिया था| अंग्रेजों ने भी यही काम किया, ब्राह्मणों को दरिद्र बनाकर उनके सारे ग्रन्थ रद्दी के भाव खरीद लिये|
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सनातन धर्म के ग्रन्थ और संस्कृत भाषा बची है तो वह ब्राह्मणों के कारण ही| ब्राहमण एक वर्ण है जाति नहीं| जाति प्रथा में विकृति आई तो वह मुस्लिम शासन के दौरान ही आई| दलितोद्धार का कार्य भी सबसे पहिले ब्राह्मणों ने ही आरंभ किया था| त्याग और तपस्या के कार्य ब्राह्मणों ने सदा किये हैं|
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वर्तमान में आरक्षण पद्धति ने ब्राह्मणों के साथ साथ कुछ अन्य अनारक्षित वर्गों की कमर तोड़ दी है| उन्हें कहीं काम नहीं मिलता और समाज में निराशा व्याप्त है| आरक्षण व्यवस्था जो मात्र दस वर्षों के लिए ही की गयी थी अब स्थायी हो गयी है| भारत की पूरी राजनीति ही जाति पर आधारित है| हर कार्य के लिए व्यक्ति की जाति पूछी जाती है|
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यदि जाति आधारित राजनीति नहीं होती तो भारत में अब तक जाति व्यवस्था पूरी तरह स्वतः ही नष्ट हो जाती|
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भारत को अपनी शिक्षानीति ऐसी बनानी होगी जिससे हर व्यक्ति चरित्रवान, स्वाभिमानी और स्वावलंबी बने|
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पता नहीं क्यों अंग्रेजों द्वारा किये गए अत्याचारों को भारत की सभी सरकारें जानबूझ कर छिपाती आ रही हैं| जाते जाते अँगरेज़ अपने सभी दस्तावेज़ यथासंभव नष्ट कर गए और सत्ता अपने मानसपुत्रों को हस्तांतरित कर गए थे|
यह क्यों नहीं बताया जाता कि अँगरेज़ जब भारत में आये तब विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का भाग २४% था जो उनके जाते समय घट कर ४% ही रह गया| पश्चिम की समृद्धि और उनकी औद्योगिक क्रांति भारत से लूटे गए धन से ही हुई|
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भारत का कपड़ा विश्व का सर्वश्रेष्ठ कपड़ा था जिसकी बुनाई बंद करा दी गयी| बंगाल के मलमल बनाने वाले कारीगरों के हाथ काट दिए गए| क्रांतिकारियों पर कितने अमानवीय अत्याचार किये गए| दोनों विश्वयुद्धों में भारतीय सैनिकों को युद्ध के चारे के रूप में प्रयोग किया गया और अनगिनत सिपाहियों को भूख से मरने को विवश किया गया|

जाते जाते वे हमें ऐसी शिक्षा पद्धति दे गए जिसने हमें अभी तक मानसिक रूप से गुलाम बना रखा है |
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अपनी एक घनीभूत पीड़ा थी जो इस लेख के माध्यम से व्यक्त कर दी|
तेरा गौरव अमर रहे माँ हम दिन चार रहे ना रहें| भारत माता की जय| सत्य सनातन धर्म की जय|
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ॐ तत्सत् | ॐ शिव | ॐ ॐ ॐ ||

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