हमारा 'लोभ' और 'अहंकार' -- हमारे सबसे बड़े शत्रु हैं; हमारी 'भक्ति' और 'सत्यनिष्ठा' -- हमारे सबसे बड़े मित्र हैं --- (यह बहुत अधिक महत्वपूर्ण और गंभीर लेख है)
Saturday, 21 January 2023
हमारा 'लोभ' और 'अहंकार' -- हमारे सबसे बड़े शत्रु हैं ---
भारत निश्चित रूप से विजयी होगा ---
असत्य और अंधकार की आसुरी/राक्षसी शक्तियों से सनातन-धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए हमें -- आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, मानसिक, आर्थिक, व भौतिक -- हरेक दृष्टिकोण से सशक्त व संगठित होना होगा।
आत्मा का धर्म है -- परमात्मा की अभीप्सा, पूर्ण प्रेम और पूर्ण समर्पण ---
आत्मा का धर्म है -- परमात्मा की अभीप्सा, पूर्ण प्रेम और पूर्ण समर्पण।
पूर्ण समर्पण ---
पूर्ण समर्पण ---
ब्राह्मण समाज के समारोहों में सर्वप्रथम और सर्वाधिक सम्मान -- "कर्मकांडी ब्राह्मणों" का होना चाहिए ---
ब्राह्मण समाज के समारोहों में सर्वप्रथम और सर्वाधिक सम्मान -- "कर्मकांडी ब्राह्मणों" का होना चाहिए। इसके निम्न कारण हैं --
भारत में सत्य-धर्मनिष्ठ क्षत्रिय राजाओं का धर्मपरायण राज्य पुनश्च स्थापित हो ---
मेरी पूर्ण हृदय से भगवान से प्रार्थना है कि भारत में सत्य-धर्मनिष्ठ क्षत्रिय राजाओं का धर्मपरायण राज्य पुनश्च स्थापित हो ---
वेद पाठ कैसे करें ?
आध्यात्म में समस्त अनर्थों का मूल आसुरी भाव है; इस से कैसे बचें? ---
आध्यात्म में समस्त अनर्थों का मूल आसुरी भाव है; इस से कैसे बचें? ---
आसुरी-भाव से हमें परमात्मा की प्राप्ति नहीं होती ---
आसुरी-भाव से हमें परमात्मा की प्राप्ति नहीं होती ---
भगवान हमें अपने प्रेम से वंचित नहीं कर सकते ---
हे परमशिव, आप मुझे कितना भी दर्द और पीड़ा दो, लेकिन कभी भी अपने प्रेम से वंचित नहीं कर सकते। संसार में यदि कष्ट कम हैं तो आप मुझे घोर नर्क में डाल सकते हो, लेकिन आप कभी मेरा साथ नहीं छोड़ सकते। जहाँ भी आपने मुझे रखा है, वहाँ किसी भी तरह के असत्य का अंधकार हो ही नहीं सकता। मैं आपका परमप्रेम, आपकी अनंत विराटता, और प्रकाशों का प्रकाश, ज्योतियों की ज्योति - ज्योतिषाम्ज्योति हूँ; यह नश्वर देह नहीं।
स्वामी विवेकानंद और खेतड़ी नरेश ---
कल स्वामी विवेकानंद के ऊपर अनेक लेख लिखे गए थे। लेकिन कुछ बातों का लोग उल्लेख नहीं करते।
बंद आँखों के अंधकार के पीछे दिखाई दे रही पूरी प्रकाशमय अनंतता हम स्वयं हैं ---
बड़ी से बड़ी बात जो भगवान की परम कृपा से मैं लिख सकता हूँ, वह यह है कि -
मकर संक्रांति की क्या शुभ कामना दूँ? मेरी हरेक साँस में संक्रांति है ---
मकर संक्रांति की क्या शुभ कामना दूँ? मेरी हरेक साँस में संक्रांति है ---
Friday, 20 January 2023
मकर-संक्रांति - उर्ध्वगति का उत्सव और आत्मसूर्य की ओर प्रयाण है ---
मकर-संक्रांति - उर्ध्वगति का उत्सव और आत्मसूर्य की ओर प्रयाण है; निरंतर सर्वव्यापी कूटस्थ-चैतन्य में रहें, जिसमें स्थिति ही ब्राह्मी-स्थिति है जिसका उपदेश भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में दिया है ---