Friday, 20 January 2023

ये कयामत का दिन कैसा होगा?

 ये कयामत का दिन कैसा होगा?

बड़ा कोलाहल और बड़ी भयंकर भीड़ होगी। जितने भी लोग पिछले हजारों वर्षों में मरे हैं, सब जीवित होकर पंक्तिबद्ध हो जाएंगे। सबसे हिसाब मांगा जाएगा। अपना तो क्रम आते आते ही सैंकड़ों वर्ष बीत जाएँगे। तब तक कुछ याद भी नहीं रहेगा। अभी भी याद नहीं है कि परसों प्रातः अल्पाहार में क्या खाया था। जन्नत का ख्वाब देखते देखते, जाना तो जहन्नुम में ही पड़ेगा, यह पता नहीं कब?
इसलिए स्वप्न देखना बंद करो, जन्नत और जहन्नुम की फालतू बातों को छोड़कर वर्तमान में जीओ। वर्तमान क्षण ही सब कुछ है। न तो कोई भूत है और न कोई भविष्य। वर्तमान क्षण ही आनंद और प्रेम है। हर वर्तमान क्षण में ही परमात्मा है। भविष्य अपनी चिंता स्वयं करेगा। इसलिए हर वर्तमान क्षण में ही परमात्मा की चेतना में रहो। एक दिन पायेंगे कि हम स्वयं परमात्मा के साथ एक हैं।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
१८ जनवरी २०२३
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कयामत पर मीर तकी मीर का एक बहुत प्रसिद्ध शेर है --
"हम सोते ही न रह जायें ऐ शोर-ए-क़यामत
इस राह से निकलो तो हम को भी जगा देना"
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एक और शेर है मोहम्मद रफी सौदा का लिखा हुआ --
"'सौदा' की जो बालीं पे गया शोर-ए-क़यामत
ख़ुद्दाम-ए-अदब बोले अभी आँख लगी है "

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