बिना सत्यनिष्ठा और वैदिक धर्माचरण के कितने भी साधन कर लो, ब्रह्म लाभ (आत्म-साक्षात्कार) किसी भी परिस्थिति में नहीं हो सकता। अपने आराध्य देव का हर समय सर्वत्र सब में दर्शन करें। कहीं कुछ भी कमी हो तो उसे दूर करने के लिए अपने आराध्य देव से प्रार्थना करें। प्रार्थना में बड़ी शक्ति होती है। हमारा एकमात्र लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है, और कुछ भी नहीं। जो भी इसमें बाधक है उसका तत्क्षण त्याग कर दो।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
१८ जनवरी २०२३
No comments:
Post a Comment