Monday, 18 April 2022

मैं उनके साथ एक हूँ, नमन करूँ तो किसको करूँ? कोई अन्य है ही नहीं ---

 मैं उनके साथ एक हूँ, नमन करूँ तो किसको करूँ? कोई अन्य है ही नहीं --

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मेरे साथ एक बहुत बड़ी समस्या है। मैं अपने गुरुओं को उनकी भौतिक देह नहीं मानता, अतः उनके जन्म और पुण्य दिवसों को मनाने में बड़ी कठिनाई होती है। मेरे लिए वे जीवंत हैं, और सदा मेरे साथ एक हैं। मैं उनके और वे मेरे हृदयों में हैं। यदि पूजा ही करनी पड़े तो मैं उनकी प्रतीकात्मक चरण-पादुकाओं को ही पूज सकता हूँ, उनकी देह को नहीं, क्योंकि वे कोई देह नहीं थे।
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मैं उनके साथ एक हूँ। नमन करूँ तो किसको करूँ? कोई अन्य है ही नहीं।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
९ मार्च २०२२

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