Monday, 18 April 2022

भगवान श्रीराम के हाथ में हर समय धनुष-बाण क्यों रहता है? उनके हाथ घुटनों तक लंबे क्यों हैं? ---

 स्वांतः सुखाय ऐसे ही एक बात सत्संग हेतु पूछ रहा हूँ। भगवान श्रीराम के हाथ में हर समय धनुष-बाण क्यों रहता है? उनके हाथ घुटनों तक लंबे क्यों हैं?

बस ऐसे ही पूछ लिया। उचित समझो तो उत्तर देना, अन्यथा कोई बात नहीं।
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मेरा उत्तर :-- --- भगवान श्रीराम आजानुबाहु हैं। मुझे याद नहीं आ रहा है कि कहाँ पर तो एक प्रसंग में वे कहते हैं कि अपने भक्तों का आलिंगन करने हेतु ही मैंने भुजाएँ लम्बी कर रखी हैं।
राम जी ने वैसे तो आतताइयों के विनाश के लिए धनुष धारण कर रखा है, लेकिन इसका एक आध्यात्मिक अर्थ भी है। श्रुति भगवती कहती है -- "प्रणवो धनुः शरो ह्यात्मा ब्रह्म तल्लक्ष्यमुच्यते॥ (मुण्डकोपनिषत् २-२-४)" अर्थात् ओंकार धनुष है, आत्मा बाण है, और ब्रह्म लक्ष्य है।

यह प्रतीकात्मक है। इस विषय पर एक बहुत बड़ा लेख लिखा जा सकता है। अभी तो इतना ही। जय जय श्रीसीताराम !!
२५ फरवरी २०२२

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