Wednesday, 26 April 2017

"कड़ी निंदा" कायरों का हथियार है ......

"कड़ी निंदा" कायरों का हथियार है ......
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> आतताइयों, देशद्रोहियों व ठगों को चारों और से घेरकर मारा जाए और फिर उन्हें कचरे में जला दिया जाए| >कुछ दिनों के लिए मानवाधिकार कार्यालयों को और बिकी हुई प्रेस की काँव काँव और बकवास को प्रतिबंधित कर देना चाहिए|
>भाड़े के भांड ठग आन्दोलनकारियों का संचालन करने वाले NGOs की पहिचान कर उन्हें बंद किया जाए|
>किसी भी कीमत पर आतताइयों को जीवित न रहने दिया जाए|
>सेना पर पत्थरबाजी करने वालों पर सीधे गोली चलाई जाए|
>कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा कर पूरा प्रशासन सेना के हवाले कर दिया जाए, और कश्मीर को ठगों से मुक्त कराया जाए|
 

वन्दे मातरं ! भारत माता की जय | ॐ ॐ ॐ ||
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जहाँ जहाँ देश के सैनिकों की हत्याएँ हो रही हैं, उन क्षेत्रों में आपत्काल घोषित कर सर्वप्रथम तो प्रेस-पत्रकारों के लिए वह क्षेत्र प्रतिबंधित कर देना चाहिए| नागरिकों को भी चाहिए कि उनके चैनलों पर उनकी राष्ट्रविरोधी काँव काँव और बकवास न सुने| उन क्षेत्रों की कवरेज भी प्रतिबंधित कर दी जाए| फिर अर्धसैनिक बालों को पूरी छूट देकर राष्ट्रद्रोहियों को चारों और से घेरकर समाप्त कर दिया जाए|

1 comment:

  1. हमारे चारों और जो घटनाक्रम घटित होता है, उस से क्षोभ और क्रोध आना स्वाभाविक है, पर हमें स्वयं पर नियंत्रण रखते हुए किसी भी प्रकार की उग्र प्रतिक्रया से बचना चाहिए|
    क्रोध आने से मस्तिष्क और शरीर को बहुत अधिक हानि होती है| क्रोध से मनुष्य के मस्तिष्क की कई कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं जिनका पुनर्निर्माण नहीं होता| साथ साथ यह उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदयरोगों को भी जन्म देता है| मनुष्य का विवेक भी क्रोध से नष्ट होने लगता है| अतः क्रोध पर नियंत्रण करने का अभ्यास हमें करना चाहिए|
    इस विषय पर बहुत शोध हुआ है और मनोचिकित्सकों व मनोवैज्ञानिकों को इसका ज्ञान है| हमारे शास्त्रों में क्रोध को भी नरक का एक द्वार इसी कारण बताया गया है|
    इति| ॐ ॐ ॐ ||

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