Thursday, 30 October 2025

अमानित्व, अदम्भित्व, व सत्यनिष्ठा बहुत बड़े गुण हैं, जो भगवान को प्रिय हैं ---

 अमानित्व, अदम्भित्व, व सत्यनिष्ठा बहुत बड़े गुण हैं, जो भगवान को प्रिय हैं|

हमारे विचारों व व्यवहार में कोई कुटिलता न हो| सारे कार्य ईश्वर प्रदत्त निज विवेक के प्रकाश में करें| अच्छी तरह सोच-समझ कर ही कुछ बोलें| कम से कम शब्दों का प्रयोग करें| अपना मार्गदर्शन अपने हृदय में बिराजमान परमात्मा से ही लें| उनसे बड़ा हितैषी और मित्र अन्य कोई नहीं है| झूठ-कपट से बचें| भगवान ही एकमात्र वरणीय हैं| उनको पाने की अभीप्सा, स्मृति व परमप्रेम निरंतर बना रहे| अन्य कुछ भी नहीं चाहिए|
ॐ तत्सत ! ॐ ॐ ॐ !!
३१ अक्तूबर २०१९

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