हमें धर्म-अधर्म, पाप-पुण्य और त्रिगुणात्मक प्रकृति से ऊपर उठना है। कोई कुछ भी कहे, उसकी परवाह मत करो ---
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सारी सृष्टि राममय है। भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, और शिव के विग्रह में कोई तात्विक भेद नहीं है। उनके किसी भी रूप का ध्यान करो, अंततः सर्वव्यापक ज्योतिर्मय ब्रह्म के साथ एक हो जाओगे। उस ज्योतिर्मय ब्रह्म से एक बहुत धीमी ध्वनि निकलती हैं, उसे सुनते रहो। वह ध्वनि ही राम का नाम है। उसी में रम जाओ, और उस में अपना पूर्ण समर्पण कर दो।
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यदि आप में सत्यनिष्ठा है तो इसी क्षण आपको भगवान से मार्गदर्शन प्राप्त होगा। भगवान के बताए हुए मार्ग पर अग्रसर होते रहो। आप पायेंगे की आप की रक्षा और मार्गदर्शन के लिए भगवान हर कदम पर आपके साथ हैं।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
७ अगस्त २०२३
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