राम लला तो बिराजमान हो गये हैं। अब रावण का वध भी होगा।
(प्रश्न) रावण कौन है? ---
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(उत्तर) मार्क्सवाद, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षतावाद, पूंजीवाद, नाजीवाद, फासीवाद, साम्यवाद, अल्पसंख्यकवाद, अगड़ा-पिछड़ावाद, जातिवाद और अन्य सारे वाद -- ये सब आसुरी/राक्षसी भाव हैं, जिन्होंने किसी का भी भला नहीं किया; सब को दुःख ही दुःख दिया है।
चर्चा सिर्फ "धर्म" और "अधर्म" पर ही होनी चाहिए, न कि इन सब वादों पर। युग-परिवर्तन हो रहा है। नए युग में ये सब वाद समाप्त हो जाएँगे। हमारी चेतना में सिर्फ धर्म और अधर्म ही रहेंगे॥ ॐ तत्सत् !!
२६ जनवरी २०२४
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