वर्तमान में चल रहा सर्दियों का मौसम, आध्यात्मिक साधना के लिए बहुत अनुकूल है। न तो पंखे या कूलर की आवाज़, और न कोई शोरगुल है। प्रकृति भी बड़ी शांत है। ऐसे में अपने भौतिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें, और भगवान ने जो २४ घंटों का समय दिया है, उसका १० प्रतिशत भाग तो बापस भगवान को बापस दें। सारा मार्गदर्शन - गीता आदि ग्रन्थों में है, जिनका स्वाध्याय करें। भगवान से प्रेम होगा तो वे स्वयं सारा मार्गदर्शन और सहायता करेंगे। इस मार्ग में कोई short cut नहीं है। सारी प्रगति और सफलता -- भगवान के अनुग्रह पर निर्भर है। . दो-तीन बातों का ध्यान रखें| एक तो आपकी कमर नहीं झुके और सदा सीधी रहे| इसके लिए नियमित व्यायाम करने होंगे| साँस दोनों नासिकाओं से ही चलती रहे, इसका ध्यान रखें| हठयोग सिखाने वाले कई क्रियाओं को सिखाते हैं, जिनसे दोनों नाक खुली रहती हैं| आवश्यक हो तो मेडिकल सहायता लें| सात्विक भोजन लें, हर परिस्थिति में कुसंग का त्याग करें, और सद्साहित्य का स्वाध्याय और अच्छे सात्विक लोगों का ही संग करें| अपने आसपास के वातावरण को सात्विक बनाए रखें|
Sunday, 22 December 2024
वर्तमान में चल रहा सर्दियों का मौसम, आध्यात्मिक साधना के लिए बहुत अनुकूल है ---
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मेरे नवरत्न तो भगवान स्वयं हैं। मैं न तो कोई अंगूठी पहनता हूँ, न कोई नवरत्न का कड़ा, या न कोई कंठीमाला। मेरे एकमात्र रत्न भगवान स्वयं हैं, जो निरंतर मेरे हृदय में रहते हैं। एक क्षण के लिए भी वे इधर-उधर नहीं होते। वे ही मेरी शोभा हैं। मेरा हृदय कूटस्थ सूर्यमंडल है, न कि यह भौतिक हृदय। कूटस्थ चैतन्य ही मेरा जीवन है। उस से च्युत होना ही मृत्यु है। भगवान की विस्मृति नर्क है, और उन की स्मृति ही स्वर्ग है। साधना का और साधक होने का भ्रम मिथ्या है।
आप सब को शुभ कामनाएँ और नमन !!
कृपा शंकर
२२ दिसंबर २०२०
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