भगवान के हरेक भक्त को कुरुक्षेत्र का युद्ध निमित्त मात्र बन कर (भगवान को कर्ता बनाकर) स्वयं लड़ना ही पड़ेगा। इसका कोई विकल्प नहीं है। यह युद्ध हमें जीतना ही होगा। पूर्ण विजय से अतिरिक्त कोई अन्य विकल्प नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण ही हमारे मार्गदर्शक गुरु और एकमात्र कर्ता हैं।
(१) कौरव सेना कौन है? :--- जो भी शक्ति हमें परमात्मा से दूर ले जाती है, वह कौरव सेना है।
(२) पांडव सेना कौन हैं? :--- जो भी शक्ति हमें परमात्मा से जोड़ती है, वह पांडव सेना है। युधिष्ठिर शांति, भीम बल, अर्जुन आत्मानुशासन, नकुल सन्मार्ग, और सहदेव हर तरह की बुराई से दूर रहने के प्रतीक हैं।
यह युद्ध हमें जीतना ही है। भगवान हमारे साथ हैं। हम विजयी होंगे। कभी कभी अज्ञान का अंधकार हमें घेर लेता है, जो वास्तव में असत्य का अंधकार है। वह ज्ञान की ज्योति के समक्ष नहीं टिक सकता। ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
२९ अगस्त २०२४
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