जब तक जीवात्मा में परमात्मा को पाने की अभीप्सा रहेगी, तब तक सत्य-सनातन धर्म अमर और विजयी रहेगा ---
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करोड़ों हिंदुओं की हत्याएँ कर, हिंदुओं के लाखों धर्मग्रंथों को जलाकर, हजारों हिन्दू मंदिरों को तोड़ कर, करोड़ों हिंदुओं का बलात् धर्मांतरण कर, करोड़ों हिन्दू महिलाओं का अपहरण कर, लगभग सभी हिन्दू धर्मग्रन्थों को प्रक्षिप्त कर, हिन्दू गुरुकुल शिक्षापद्धति को बंद कर, हिन्दू धर्म के अध्यापन को सरकारी शिक्षण संस्थाओं में प्रतिबंधित कर, हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में ले कर उनके धन को लूटकर, हिन्दू विरोधी राजनीति बनाकर, और हर कदम पर हिंदुओं को अपमानित कर, हिंदुओं में हीन भावना उत्पन्न कर, हिंदुओं के विरुद्ध द्वेष भरा प्रचार कर, और उन्हें अपमानित कर नीचा दिखाने के पश्चात भी सत्य-सनातन-हिन्दू धर्म को नष्ट नहीं किया जा सका है।
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सनातन धर्म प्रकृति का धर्म है। वह अमर और शाश्वत है। भारत एक सनातन-धर्मावलम्बी आध्यात्मिक राष्ट्र होगा। सनातन धर्म है एक ऊर्ध्वमुखी चेतना जो जीवात्मा को परमात्मा से जोड़ती है। आत्मा की शाश्वतता, पुनर्जन्म और कर्मफलों का सिद्धान्त इसके आधार-स्तम्भ हैं। वह हरेक व्यक्ति हिन्दू है, जिसे परमात्मा से प्यार है, और जो परमात्मा को पाना चाहता है। ऐसा व्यक्ति चाहे पृथ्वी के किसी भी भाग पर रहता हो, वह हिन्दू ही कहलाने योग्य है।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
८ नवंबर २०२२
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