Monday, 16 August 2021

सनातन धर्म और भारत की रक्षा होगी, वे विजयी बन कर उभरेंगे ---

 

सनातन धर्म और भारत की रक्षा होगी, वे विजयी बन कर उभरेंगे ---
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जब धर्म और राष्ट्र का अस्तित्व खतरे में हो, तब व्यक्तिगत मोक्ष की कामना पाप है। आध्यात्म -- सुख-भोग में नहीं है। स्वर्ग और मोक्ष-प्राप्ति हेतु की गई साधना में मेरी दृष्टि से कुछ भी आध्यात्मिक नहीं है, केवल स्वार्थ है। योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण जो साक्षात परमब्रह्म हैं, उन्होने बंदीगृह में ही जन्म क्यों लिया? महलों में जन्म लेने से उन्हें कौन रोक सकता था? वे तो स्वयं नारायण थे। वे एक संदेश देना चाहते थे, जो उन्होने सफलतापूर्वक दिया।
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हमारे अस्तित्व में परमात्मा होंगे तो उनकी शक्ति से धर्म व राष्ट्र की रक्षा अवश्य होगी। जब धर्म नहीं रहेगा तो राष्ट्र भी नहीं रहेगा, और राष्ट्र नहीं रहेगा तो धर्म भी नहीं बचेगा। अपना सम्पूर्ण अस्तित्व परमात्मा को समर्पित करें, उन्हें जीवन में अवतरित करें, उन्हें कर्ता बनाएँ और अपने माध्यम से उन्हें कार्य करने दें। यही सबसे बड़ी सेवा है जो हम समष्टि की कर सकते हैं। फिर परमात्मा ही हमारे माध्यम से कार्य करेंगे। हम तो उन के उपकरण मात्र बनें, यही हमारा धर्म है। जीवन में ईश्वर का साक्षात्कार ही सत्य सनातन धर्म है, जिस की सर्वाधिक अभिव्यक्ति भारत में हुई है।
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भारत के उत्थान का अर्थ है -- सनातन धर्म का उत्थान। भारत की महानता का अर्थ है -- सनातन धर्म की महानता। सनातन धर्म सत्य है क्योंकि यह अपने उपासकों का प्रत्यक्ष साक्षात्कार परमात्मा से कराता है। सत्य का वास्तविक आग्रह यही धर्म करता है। सत्य ही परमात्मा है। ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१२ अगस्त २०२१

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