Monday, 16 August 2021

आध्यात्मिक प्रगति के लिए एक सरलतम उपाय ---

 

आध्यात्मिक प्रगति के लिए एक सरलतम उपाय ---
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संत-महात्माओं के सत्संग से ज्ञात एक सरलतम उपाय है, जिस से सरल और कुछ हो ही नहीं सकता। लेकिन इसके लिए अनुकूल वातावरण और दृढ़ संकल्प/इच्छा शक्ति चाहिए। रात्रि का भोजन सूर्यास्त से पहिले ही कर लें, और न करें तो और भी अधिक अच्छा है। रात्रि को देरी से ना सोकर जल्दी सोएँ। सोने से पूर्व भगवान का जप, प्राणायाम, यथासंभव गहनतम ध्यान, व भजन आदि कर के एक दिव्य चेतना में वैसे ही जगन्माता की गोद में सोएँ, जैसे एक शिशु अपनी माँ की गोद में सोता है।
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आपका बिस्तर ही भगवती की गोद है, और आपका तकिया ही उनका वरद् हस्त। दूसरे दिन जब आप प्रातः उठेंगे तो ईश्वर की चेतना में वैसे ही उठेंगे। उठते ही पुनश्च भगवान का ध्यान करें। दिन भर भगवान को अपनी स्मृति में बनाए रखें। स्वयं निमित्त मात्र बनकर उन्हें ही सारा काम करने दें।
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आपका जीवन बहुत अच्छा बीतेगा, आप निहाल हो जाओगे। जो आपको देखेगा वह, और जिस पर आपकी दृष्टि पड़ेगी, वह भी निहाल हो जाएगा। आप इस पृथ्वी पर एक चलते-फिरते देवता बन जाओगे। आप जहाँ भी जाएँगे, वह भूमि पवित्र हो जाएगी। आप की सात पीढ़ियाँ सद्गति को प्राप्त होंगी।
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शयन से पूर्व भगवान का गहनतम ध्यान पूर्णतः आवश्यक है। चाहे आपकी देह टूट कर गिर जाए, चाहे मृत्यु आ जाए, लेकिन प्रभु का ध्यान भजन किये बिना न सोएँ। दुसरे दिन का आरंम्भ भी भगवन के ध्यान, चिंतन या भजन से ही करें। पूरे दिन अपनी स्मृति में भगवान को बनाये रखें। यदि भूल जाएँ तो याद आते ही उनका स्मरण पुनश्च आरंभ कर दें। निज जीवन का केंद्र बिंदु भगवान को बनाएँ।
अपना पूरा प्रेम प्रभु को दें| यही है आध्यात्मिक प्रगति का रहस्य।
धन्यवाद ! ॐ तत्सत् ! ॐ नमः शिवाय ! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१३ अगस्त २०२१

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