Thursday, 2 August 2018

इस मामले में दोषी कौन कौन हैं ? .....

किसी असहाय अबोध बालिका के साथ अन्याय और दुराचार होता है, तो दोषी कौन है .... दुराचारी या असहाय बालिका के पूर्व जन्मों के कर्म?
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कल रिपब्लिक टीवी पर एक वीडियो और बहस देखकर यह प्रश्न उठा है| बिहार के एक सरकारी अनाथालय की अबोध, अनाथ, असहाय लगभग बत्तीस बालिकाओं का, जिनकी आयु सात से पंद्रह वर्ष थी, वर्षों तक सरकारी बलात्कार होता रहा| विरोध करने पर उन्हें बुरी तरह मारा जाता, उन्हें नशे के इंजेक्शन दिए जाते, और अधिक विरोध करने पर दस गूंगी-बहरी असहाय बालिकाओं की ह्त्या कर उनकी लाश को गायब कर दिया गया|
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बलात्कार करने वालों में बड़े बड़े राजनेता, बड़े बड़े सरकारी अधिकारी और बड़े बड़े पत्रकार थे| जो बड़ा सरकारी अधिकारी इस काण्ड का मुख्य अभियुक्त है वह मोटा तगड़ा मुस्टंडा राक्षस, पुलिस हिरासत में इतनी मस्ती से मुस्करा रहा था जैसे कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता| लगता है पूरा प्रशासन ही उसके साथ है|
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रिपब्लिक टीवी चीख चीख कर सारा दोष सुशासन बाबू पर डाल रहा था| सुशासन बाबू ने जब देखा कि उनका पूरा सरकारी तंत्र ही दोषी है तो मामला सीबीआई को दे दिया| अब मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है क्योंकि पूरा सरकारी तंत्र ही लपेटे में आता है|
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एक बोलने में असमर्थ बालिका इशारों में बता रही थी कि उसके साथ अधिकारियों द्वारा कैसे मारपीट कर नशे के इंजेक्शन दिए जाते और बलात्कार किया जाता था|
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क्या पोस्को एक्ट में इन दोषी राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों को मृत्युदंड दिया जाएगा या मामले को दबा दिया जाएगा? लगता है हम ने गलत स्थान पर जन्म ले लिया है| प्रश्न यह है कि इसमें दोषी कौन है? वे प्रभावशाली सरकारी अधिकारी या उन अबोध बालिकाओं के पूर्व जन्मों के कर्मफल?

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२ अगस्त २०१८ 

1 comment:

  1. भारत में जब तक इन्टरनेट पर अश्लील पोर्नोग्राफिक वेबसाइट्स आसानी से उपलब्ध हैं तब तक बलात्कार नहीं रुक सकते| सरकार ने पोर्न पर प्रतिवंध लगाने का एक बार प्रयास किया था तब समाज के बड़े बड़े प्रतिष्ठित लोग पोर्न के समर्थन में आ गए थे| दबाव में सरकार को निर्णय बदलना पडा| पत्रकारों ने कुतर्क दिया कि समाज क्या देखेगा और क्या नहीं ये सरकार तय नही कर सकती|

    समाज ही भ्रष्ट है तो उसकी अभिव्यक्ति दुराचार में होती है| धर्मशिक्षा का अभाव और यह धर्मनिरपेक्षता समाज को भ्रष्ट बना रही है|

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