Sunday 4 March 2018

"निज विवेक की अग्नि में अपने अहंकार और लोभ की आहुति" ..... ही मनुष्य जाति की सब समस्याओं का समाधान है .....

"निज विवेक की अग्नि में अपने अहंकार और लोभ की आहुति" ..... ही मनुष्य जाति की सब समस्याओं का समाधान है .....
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होली का यह पर्व बहुत मंगलमय है| कल सायं होलिका दहन की अग्नि की लौ की दिशा पहले तो सीधी ऊपर की ओर थी, फिर चारों दिशाओं में घूमी और फिर उत्तर दिशा में स्थिर रही| लोगों की चेतना भी धीरे धीरे ऊपर उठ रही है| एक ही दिन में कोई चमत्कार नहीं हो सकता| आज से पचीस -तीस वर्ष पूर्व तक होली के त्यौहार पर बहुत अधिक फूहड़पन होता था| अब शालीनता आ रही है| लोगों का व्यवहार भी सुधर रहा है| गाली-गलौच और फालतू की बकवास के स्थान पर भगवान की भक्ति जागृत हो रही है| अनेक स्थानों पर लोगों ने भजन-कीर्तन के साथ फूलों से होली मनानी आरम्भ कर दी है| यह एक सकारात्मक प्रगति है| जिस समय मैं ये पंक्तियाँ लिख रहा हूँ, हमारे मोहल्ले की अनेक माताएँ हरि-कीर्तन के साथ प्रभात-फेरी निकाल रही हैं| आज अनेक स्थानों पर भजन-कीर्तन के साथ फूलों की होली खेली जायेगी|
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विश्व के परिदृश्य को देखें तो विश्व की सारी समस्याओं के मूल में मनुष्य का अहंकार और लोभ है| विश्व की सारी समस्याओं का एकमात्र समाधान है ..... "निज विवेक की अग्नि में अपने अहंकार और लोभ की आहुति", अन्यथा विनाश ही विनाश है|
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भगवान की कृपा सर्वत्र है| कोई यह कहे कि उसे मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है, तो वह झूठ बोल रहा है| भगवान सब को सन्मार्ग दिखाते हैं, भगवान ने सब को सदबुद्धि दी है| कोई उसका प्रयोग न करे तो यह उसका दुर्भाग्य है|
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आप सब निजात्माओं को सप्रेम सादर नमन ! भगवान की भक्ति सब के ह्रदय में जागृत हो, यही मेरी शुभ कामना है| ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
०२ मार्च २०१८

1 comment:

  1. अपने निज विवेक से काम लें और सारे कार्य ही नहीं बल्कि अपनी सोच भी ईश्वर प्रदत्त विवेक से नियंत्रित रखें.

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