Sunday, 4 March 2018

तुर्की में ग्रीस के विरुद्ध जिहादी युद्ध का उन्माद .....

अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम :
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तुर्की में ग्रीस के विरुद्ध एक जिहादी युद्ध का उन्माद बहुत तेज़ी से लगातार बढ़ रहा है जो कभी भी एक युद्ध में परिणित हो सकता है| सन १९१४ से १९२३ तक तुर्की ने अनातोलिया में ग्रीक ईसाईयों का, और इजमीर में आर्मेनियन ईसाईयों का बहत बड़ा नरसंहार किया था| अब एजियन सागर में स्थित ग्रीक द्वीपों पर तुर्की बापस अधिकार करना चाहता है क्योंकि ये द्वीप कभी ऑटोमन साम्राज्य के आधीन थे| ऑटोमन साम्राज्य के समय तुर्की का भूभाग बहुत अधिक विशाल था पर बाद में हुए युद्धों में पराजित हुआ तुर्की सिमट गया और अनेक अंतर्राष्ट्रीय संधियों के कारण उसे अधिकाँश भूभाग छोड़ना पड़ा|
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उस क्षेत्र में ईसाईयों और मुसलमानों के मध्य अनेक धर्मयुद्ध हुए थे| आज के युग में उन की कल्पना भी भयानक है| यूरोप के अनेक देशों में बहुत बड़ी संख्या में तुर्क बसे हुए हैं| तुर्की को पूरी उम्मीद है कि विदेशों में बसे तुर्क उस की पूरी सहायता करेंगे|
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सन २०२३ में तुर्की गणराज्य को १०० वर्ष पूरे ही जायेंगे| सन २०७१ में मंज़िकेर्त के युद्ध को एक हजार वर्ष पूरे हो जायेंगे जब तुर्की के जिहादियों ने आर्मेनिया में ग्रीक ईसाई ब्राइज़ेन्ताइन साम्राज्य को हराकर तुर्की का इस्लामी साम्राज्य स्थापित किया| था| तुर्की में ईसाईयों के वर्चस्व को अहल-अल-सलीब कहा जाता है जिन पर विजय का उन्माद वहाँ के दोनों राजनीतिक दल भड़का रहे हैं| सन १९७४ में तुर्की ने साइप्रस पर आक्रमण कर के वहाँ के ईसाईयों को मारकर भगा दिया था|

यूरोप में गृहयुद्ध की सी स्थिति का निर्माण हो रहा है| यदि युद्ध के उन्माद में तुर्की ने ग्रीस पर आक्रमण कर दिया तो उस क्षेत्र में एक विश्वयुद्ध निश्चित है| ग्रीस पर आक्रमण हुआ तो उसके पक्ष में फ़्रांस, इटली और ब्रिटेन भी कूद पड़ेंगे| पूरे पूर्वी यूरोप में तुर्की के विरुद्ध जन भावनाएँ हैं, क्योंकि पूर्व में तुर्कों ने वहां बहुत अत्याचार किये हैं| तुर्की ने यदि बास्फोरस जलडमरूमध्य को बंद कर दिया तो श्याम सागर (Black Sea) के सारे देश तुर्की के विरुद्ध हो जायेंगे| पश्चिमी यूरोप के अनेक देशों में गृहयुद्ध की सी स्थिति हो रही है|
भगवान सबका मंगल करें| ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
०१ मार्च २०१८

1 comment:

  1. अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम :

    दो दिन पूर्व इराक की एक अदालत ने तुर्की की १६ महिलाओं को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में सम्मिलित होने के लिए फांसी की सज़ा दी है| इसके बाद १७०० से अधिक विदेशी महिलाओं को और गिरफ्तार किया गया है जिन पर शीघ्र मुकदमा चलाया जाएगा| उन्हें भी मृत्यु दंड ही दिया जा सकता है| गत सप्ताह भी न्यायालय ने तुर्की, रूस और जर्मनी की तीन महिलाओं को फांसी की सजा दी थी|
    भारत के वामपंथी महिला संगठन क्या इसका विरोध करेंगे ?

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