जातिवाद समाप्त कैसे हो? जातिवाद को समाप्त करने के दो ही मार्ग हैं ........
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(१) हर तरह के जातिगत आरक्षण को समाप्त कर, यानि किसी भी सरकारी दस्तावेज पर जाति के उल्लेख पर प्रतिबन्ध लगाकर| भारत में जातिवाद अब तक प्रभावहीन हो गया होता यदि सरकारें और राजनीतिक दल इसको बढ़ावा नहीं देते| जब तक वोटबैंक की राजनीति रहेगी तब तक जातिवाद रहेगा| किसी भी सरकारी दस्तावेज पर जाति का उल्लेख प्रतिबंधित हो और कोई जातिगत आरक्षण न हो, तब जातिवाद अपनी मौत खुद मर जायेगा|
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(३) दूसरा मार्ग है कि जितने भी अनारक्षित वर्ग के लोग हैं उन सब को एक स्थान पर एकत्र कर के उन पर एक अणु बम डाल दिया जाए क्योंकि वे अब तक बहुत अधिक अपमान झेल चुके हैं, और वे इस देश को छोड़कर अन्यत्र कहीं जा भी नहीं सकते|
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(१) हर तरह के जातिगत आरक्षण को समाप्त कर, यानि किसी भी सरकारी दस्तावेज पर जाति के उल्लेख पर प्रतिबन्ध लगाकर| भारत में जातिवाद अब तक प्रभावहीन हो गया होता यदि सरकारें और राजनीतिक दल इसको बढ़ावा नहीं देते| जब तक वोटबैंक की राजनीति रहेगी तब तक जातिवाद रहेगा| किसी भी सरकारी दस्तावेज पर जाति का उल्लेख प्रतिबंधित हो और कोई जातिगत आरक्षण न हो, तब जातिवाद अपनी मौत खुद मर जायेगा|
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(३) दूसरा मार्ग है कि जितने भी अनारक्षित वर्ग के लोग हैं उन सब को एक स्थान पर एकत्र कर के उन पर एक अणु बम डाल दिया जाए क्योंकि वे अब तक बहुत अधिक अपमान झेल चुके हैं, और वे इस देश को छोड़कर अन्यत्र कहीं जा भी नहीं सकते|
अंग्रेजों द्वारा रचित एक झूठा इतिहास सब को पढ़ाया जा रहा है कि एक वर्ग
ने दूसरे वर्ग पर बहुत अधिक अत्याचार किया है| मार्क्सवादियों ने इस झूठ को
बढ़ावा दिया क्योंकि मार्क्सवाद का जन्म और संरक्षण ही वर्गसंघर्ष से होता
है|
भारत पर पिछले एक सहस्त्र वर्षों तक विदेशी लुटेरे आक्रमणकारियों ने राज्य किया और वे सभी को अपने मत में मतांतरित करना चाहते थे| समाज के जिन वर्गों ने उनका सबसे अधिक प्रतिकार किया उन सब वर्गों को उन्होंने दलित बना दिया|
वर्त्तमान परिस्थितियों से तो लगता है कि जीने का अधिकार सिर्फ आरक्षित वर्ग को और तथाकथित अल्पसंख्यक वर्ग को ही है| सामान्य वर्ग को अणुबम से मिटा दो, तब न रहेगा बाँस और न बजेगी बांसुरी|
सामान्य वर्ग के लोग अपनी व्यथा कहीं कह भी नहीं सकते| भगवान के सिवा उनका और कोई नहीं है| जब कोई सवर्ण ही नहीं रहेगा तब किसी को कोई ईर्ष्या-द्वेष भी नहीं रहेगा|
इन तथाकथित उच्च जातियों में ऊँचा क्या है ? यह मेरी तो समझ से परे है|
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भगवान सब को विवेक दे| ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२२ फरवरी २०१८
भारत पर पिछले एक सहस्त्र वर्षों तक विदेशी लुटेरे आक्रमणकारियों ने राज्य किया और वे सभी को अपने मत में मतांतरित करना चाहते थे| समाज के जिन वर्गों ने उनका सबसे अधिक प्रतिकार किया उन सब वर्गों को उन्होंने दलित बना दिया|
वर्त्तमान परिस्थितियों से तो लगता है कि जीने का अधिकार सिर्फ आरक्षित वर्ग को और तथाकथित अल्पसंख्यक वर्ग को ही है| सामान्य वर्ग को अणुबम से मिटा दो, तब न रहेगा बाँस और न बजेगी बांसुरी|
सामान्य वर्ग के लोग अपनी व्यथा कहीं कह भी नहीं सकते| भगवान के सिवा उनका और कोई नहीं है| जब कोई सवर्ण ही नहीं रहेगा तब किसी को कोई ईर्ष्या-द्वेष भी नहीं रहेगा|
इन तथाकथित उच्च जातियों में ऊँचा क्या है ? यह मेरी तो समझ से परे है|
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भगवान सब को विवेक दे| ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२२ फरवरी २०१८
देश में आरक्षण हो सिर्फ ....... (१) अपंगों और अनाथों के लिए, (२) देश पर शहीद होने वालों के बच्चों के लिए| अन्य किसी के लिए भी नहीं| गरीबों को आर्थिक सहायता दो|
ReplyDeleteभारत में जातिवाद छः माह में समाप्त हो सकता है, पर निहित स्वार्थ इसे नहीं होने देंगे, और गृहयुद्ध की सी स्थिति उत्पन्न कर देंगे|
ReplyDelete>>> "यदि सभी सरकारी कागजों पर जाति का उल्लेख प्रतिबंधित कर दिया जाए और जातिगत आरक्षण समाप्त कर दिया जाए तो छः माह के भीतर भीतर जातिवाद समाप्त हो जाएगा| जातिवाद का एकमात्र कारण सरकार की आरक्षण नीति है|" <<