Sunday 21 January 2018

जो जाति भगवान की है, वह ही मेरी है .....

जो जाति भगवान की है, वह ही मेरी है .....
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प्रिय मित्रगण, मैं किसी भी जाति, सम्प्रदाय, या उनकी किसी संस्था से सम्बद्ध नहीं हूँ| सब संस्थाएँ, सम्प्रदाय व जातियाँ मेरे लिए हैं, मैं उन के लिए नहीं| मुझे किसी जाति से न जोड़ें|
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जो जाति भगवान की है, वह ही मेरी है| जैसे विवाह के बाद स्त्री का वर्ण, गौत्र और जाति वही हो जाती है जो उसके पति की होती है, वैसे ही भगवान को समर्पित हो जाने के बाद मेरा वर्ण, गौत्र और जाति वह ही है जो सर्वव्यापी परमात्मा की है| मेरी जाति 'अच्युत' है|
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मैं असम्बद्ध, अनिर्लिप्त, असंग, असीम, शाश्वत आत्मा हूँ जो इस देह रूपी वाहन पर यह लोकयात्रा कर रही है| वास्तव में मेरा ऐकमात्र सम्बन्ध सिर्फ परमात्मा से है| जिस नाम से मेरे देह की पहिचान है, उस का नाम कृपा शंकर है| सभी को नमन !
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ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१६ जनवरी २०१८

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