Sunday 21 January 2018

हृदयाघात से बचें .....

हृदयाघात से बचें ..... 
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मुझे दो बार हृदयाघात हुआ है और एंजियोप्लास्टी भी हुई है| ऑपरेशन टेबल पर घबरा जाने और अपनी अज्ञानता के कारण ही एंजियोप्लास्टी करवाई अन्यथा कभी नहीं करवाता| हृदय रोगियों के लिए प्रकृति ने कई प्राकृतिक औषधियाँ दी हैं, उनके नियमित सेवन से, और अपनी जीवन पद्धति बदलने से हृदय रोगों से बच सकते हैं| इन सब का ज्ञान होता तो मुझे न तो हृदयाघात होता और न ही एंजियोप्लास्टी करानी पड़ती|
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निम्न उपायों से जीवन भर ह्रदय रोगों से बचा भी जा सकता है, और उपचार भी किया जा सकता है .....
(१) नित्य नियमित प्रातः/सायं स्वच्छ खुली हवा में भ्रमण |
(२) तनाव-मुक्त जीवन |
(३) सादा सात्विक भोजन |
(४) प्रातः खाली पेट नित्य एक अनार का सेवन | यदि अनार न मिले तो पंसारी की दूकान से अनारदाने मिल जाते हैं | एक मुट्ठी भर अनार दानों को यों भी खा सकते हैं, या पानी में उबाल कर और छानकर उनका जूस भी पी सकते हैं |
(५) दिन में एक बार भोजन के साथ लगभग १० से १५ ग्राम अलसी का सेवन | अलसी को भूनकर रख लें | उसे यों ही फाँक कर चबा कर भी खा सकते हैं, दही या दाल के साथ भी खा सकते हैं |
(६) लहसुन, अदरक, नीबू का रस, और थोड़ा सा सेब का शिरका, ..... इनका समुचित मात्रा में सेवन ह्रदय रोगियों के लिए अमृत के समान है | इनसे एक आयुर्वेदिक दवाई भी बनती है जो बहुत अधिक प्रभावशाली है |
(७) रात्रि में अर्जुन की छाल का काढ़ा, या अर्जुन की छाल के थोड़े से चूर्ण को दूध में उबालने के बाद ठंडा कर के पीना |
(८) ह्रदय रोगियों को ठंडा जल नहीं पीना चाहिए, थोड़ा गर्म पानी पीयें |
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यदि मधुमेह या उच्च रक्तचाप की भी बीमारी किसी को है तो उसका उचित और तुरंत उपचार करवाएँ | मधुमेह या उच्च रक्तचाप के रोगी को हृदयाघात बहुत अधिक घातक होता है |
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हृदयाघात होने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें, देरी न करें |
शुभ कामनाएँ !
ॐ तत्सत् !ॐ ॐ ॐ !!

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