०१ अप्रेल २०१७.
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नित्य नियमित झाड़ू लगनी अति आवश्यक है ....
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आज अपराह्न में बहुत दूर से एक महात्मा जी का चलभाष (Mobile) आया जिन्होनें एक बहुत ही जरूरी बात याद दिला दी| महात्मा जी ने कहा कि नित्य वातावरण में इतनी घूल उड़ती है कि अपना निवास अनायास ही धूल से भर जाता है, बर्तनों को साफ़ नहीं करें तो बर्तनों पर जंग लग जाती है, किसी भी चीज की नियमित सफाई न करें तो वह स्वतः ही मैली हो जाती है|
ऐसे ही मनुष्य का मन है जिस पर नित्य नियमित ध्यान-साधना द्वारा झाड़ू लगना अति आवश्यक है, अन्यथा परमात्मा को पाने की अभीप्सा ही धीरे धीरे समाप्त हो जाती है| महात्मा जी ने याद दिलाया कि मेरे झाडू लगाने में नियमितता की कमी है जिसे मुझे दूर करना चाहिए| बिलकुल सही बात बताई उन्होंने जिसे मैनें स्वीकार कर लिया| भगवान किसी न किसी माध्यम से अपना सन्देश भेज ही देते हैं|
अब दृढ़ निश्चय कर नियमित रहना ही पडेगा, अन्य कोई विकल्प नहीं है| दीर्घ और गहन ध्यान साधना मेरे लिए अति आवश्यक है| ॐ नमो नारायण !
ॐ ॐ ॐ ||
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नित्य नियमित झाड़ू लगनी अति आवश्यक है ....
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आज अपराह्न में बहुत दूर से एक महात्मा जी का चलभाष (Mobile) आया जिन्होनें एक बहुत ही जरूरी बात याद दिला दी| महात्मा जी ने कहा कि नित्य वातावरण में इतनी घूल उड़ती है कि अपना निवास अनायास ही धूल से भर जाता है, बर्तनों को साफ़ नहीं करें तो बर्तनों पर जंग लग जाती है, किसी भी चीज की नियमित सफाई न करें तो वह स्वतः ही मैली हो जाती है|
ऐसे ही मनुष्य का मन है जिस पर नित्य नियमित ध्यान-साधना द्वारा झाड़ू लगना अति आवश्यक है, अन्यथा परमात्मा को पाने की अभीप्सा ही धीरे धीरे समाप्त हो जाती है| महात्मा जी ने याद दिलाया कि मेरे झाडू लगाने में नियमितता की कमी है जिसे मुझे दूर करना चाहिए| बिलकुल सही बात बताई उन्होंने जिसे मैनें स्वीकार कर लिया| भगवान किसी न किसी माध्यम से अपना सन्देश भेज ही देते हैं|
अब दृढ़ निश्चय कर नियमित रहना ही पडेगा, अन्य कोई विकल्प नहीं है| दीर्घ और गहन ध्यान साधना मेरे लिए अति आवश्यक है| ॐ नमो नारायण !
ॐ ॐ ॐ ||
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