प्रत्यभिज्ञा हृदय :---
प्रत्यभिज्ञा का अर्थ है पूर्वज्ञात विषय को पुनश्चः यानि दुबारा जानना|
जब से मेरे हृदय में मेरे परम प्रिय परमात्मा भगवान परमशिवआये हैं, मेरा हृदय उन्हीं का हो गया है| अब तो वे ही मेरे हृदय भी हो गए हैं|
सारे साकार और निराकार रूप वे ही हैं| सारा अस्तित्व भी वे ही हैं| वे ही परम सत्य हैं| वे ही अनिर्वचनीय परम प्रेम और वे ही सच्चिदानंद हैं|
मैं असम्बद्ध, निर्लिप्त और निःसंग हूँ| ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ |
ॐ शिव ! ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ||
प्रत्यभिज्ञा का अर्थ है पूर्वज्ञात विषय को पुनश्चः यानि दुबारा जानना|
जब से मेरे हृदय में मेरे परम प्रिय परमात्मा भगवान परमशिवआये हैं, मेरा हृदय उन्हीं का हो गया है| अब तो वे ही मेरे हृदय भी हो गए हैं|
सारे साकार और निराकार रूप वे ही हैं| सारा अस्तित्व भी वे ही हैं| वे ही परम सत्य हैं| वे ही अनिर्वचनीय परम प्रेम और वे ही सच्चिदानंद हैं|
मैं असम्बद्ध, निर्लिप्त और निःसंग हूँ| ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ |
ॐ शिव ! ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ||
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