Tuesday, 31 January 2017

अपने बच्चों को घर में खूब प्यार दें ....

सभी माता-पिताओं से मेरा हाथ जोड़ कर अनुरोध है कि अपने बच्चों को घर में खूब प्यार दें जिसके लिए वे घर से बाहर प्यार नहीं ढूंढें|
मनोवैज्ञानिक रूप से जिन बच्चों को (विशेष रूप से बालिकाओं को) घर में बाप का प्यार नहीं मिलता है, वे बड़े होकर वैवाहिक जीवन में पर पुरुषों में प्यार ढूंढते हैं|
जिन बच्चों को (विशेष रूप से बालकों को) माँ का प्यार नहीं मिलता है, वे बड़े होकर अपने वैवाहिक जीवन में पर स्त्रियों में प्यार ढूंढते हैं|
अतः माँ और बाप दोनों का प्यार बच्चों के विकास के लिए आवश्यक है|
हम सब समझदार हैं, अतः समझ गए होंगे| ॐ ॐ ॐ ||
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पुनश्चः :---
मैंने जीवन में जो देखा है और अनुभूत किया है वही कह रहा हूँ| मेरे साथ कुछ ऐसे सहकर्मी भी थे जो घर में सुन्दर पत्नी के होते हुए भी और घर में अपने समझदार वयस्क बच्चों के होते हुए भी बेशर्म होकर परस्त्रीगामी थे| गहराई से विचार करने पर मैनें पाया कि उनकी विकृति का कारण बचपन में उन को माँ से प्यार न मिलना था| ऐसे ही कुछ महिलाओं को भी देखा जो घर में अच्छे पति के होते हुए भी परपुरुषगामी थीं| वे भी अपने बाल्यकाल में पिता के प्रेम से वंचित थीं|
कुसंगति दूसरा कारण था|

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