Tuesday, 31 January 2017

हर पल एक भागवत मुहूर्त है .......

हर पल एक भागवत मुहूर्त है .......
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प्रिय निजात्मन, आप सब में स्थित परमात्मा को सादर नमन!
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आज का दिवस आप सब के लिए अब तक के जीवन का सर्वश्रेष्ठ दिवस है| आज के दिन हम परमात्मा का ध्यान बीते हुए कल की अपेक्षा अधिक गहराई से व अधिक समय तक के लिए करेंगे| कल का दिन इससे भी शुभ और अच्छा होगा| आने वाला हर दिन पिछले विगत दिन से अच्छा होगा|
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प्रत्येक दिन प्रभु कृपा से मिला एक वरदान है| कल का क्या भरोसा! कल आये या ना आये कुछ कह नहीं सकते| जीवन में जो भी शुभ कार्य करने योग्य है वह आज ही इसी पल जितना हो सकता है उतना पूरा कर लें| हर एक दिन को, हर एक पल को एक जीवन के बराबर जीयें| क्या पता जो साँस हम छोड़ रहे हैं वह आखिरी साँस हो, फिर आये या ना आये| यह कोई नकारात्मक बात नहीं अपितु एक वास्तविकता है|
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हर क्षण, हर पल एक भागवत मुहूर्त है| इस मुहूर्त में जो भी किया जाएगा वह शुभ ही होगा| अशुभ से बचें और जो भी शुभ है वह इसी क्षण इसी पल पूरा करने का प्रयास करें|
अब तक जो जीवन मिला है उस के लिए भगवान के प्रति कृतज्ञ रहें और किसी का जो भी ऋण है उससे उऋण हो जाएँ| अन्यथा फिर पता नहीं कब अवसर मिले|
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जीवन में किया हर संकल्प पूर्ण होता है| कोई कुछ भी ठान ले तो उसे कोई भी रोक नहीं सकता| जीवन एक कृतज्ञता है, प्रभु के प्रति कृतज्ञता| कृतघ्नता सबसे बड़ा पाप है|
मुझे क्या मिलेगा यह कभी ना सोचें, पर मेरे हर क्षण से समष्टि को क्या मिलेगा बस यही महत्वपूर्ण है|
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परमात्मा को आप हर पल याद रखें व हर पल आप उसके उपकरण बने रहें इसी शुभ कामना के साथ आप के ह्रदय में हर पल धड़क रहे भगवन नारायण को पुनश्चः सप्रेम सादर नमन|
सब का कल्याण हो| ॐ नमो भगवते वासुदेवाय|
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शिवोहं शिवोहं शिवोहं अयमात्मा ब्रह्म | ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर
माघ कृ.६ वि.स.२०७२, ३०, जनवरी 2016

1 comment:

  1. भगवान से प्रार्थना करना कोई भिक्षा माँगना नहीं है ..............
    यह ह्रदय के प्रेम की एक अभिव्यक्ति मात्र है| हम भिक्षुक नहीं हैं, परमात्मा के अमृतपुत्र हैं| क्या आप अपने माता-पिता से भिक्षा माँगते हैं? जैसे माता-पिता के प्रेम पर आपका पूर्ण अधिकार है, वैसे ही परमात्मा के प्रेम पर भी आपका पूर्ण जन्मसिद्ध अधिकार है|
    ॐ ॐ ॐ ||

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