गुरु-तत्व अनुभूति का विषय है जो परमात्मा की परम कृपा से ही समझ में आता है, बुद्धि से नहीं|
गुरु तत्व में स्थिति ही आत्म तत्व में स्थिति है|
बिना किसी शर्त के परमात्मा से परम प्रेम यानि Unconditional love to the Divine ही द्वार है|
जितना अधिक हमें परमात्मा से प्रेम होता है उसी अनुपात में हमारा मार्ग प्रशस्त होता जाता है|
आज गुरूवार है, गुरु प्रदत्त विधि से रात्री में खूब ध्यान करें|
ॐ तत्सत ! ॐ ॐ ॐ !!
गुरु तत्व में स्थिति ही आत्म तत्व में स्थिति है|
बिना किसी शर्त के परमात्मा से परम प्रेम यानि Unconditional love to the Divine ही द्वार है|
जितना अधिक हमें परमात्मा से प्रेम होता है उसी अनुपात में हमारा मार्ग प्रशस्त होता जाता है|
आज गुरूवार है, गुरु प्रदत्त विधि से रात्री में खूब ध्यान करें|
ॐ तत्सत ! ॐ ॐ ॐ !!
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