Thursday 8 December 2016

यमदूतिका ......

यमदूतिका ......
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जब कान के पास के बाल सफ़ेद हो जाएँ तब सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि कानों के पास के बालों का सफ़ेद होना यमराज का एक सन्देश है कि मैं कभी भी आ सकता हूँ| सफ़ेद बालों को यमदूतिका ही समझना चाहिए|
रामायण में बर्णन है कि महाराजा दशरथ ने एक बार दर्पण में अपना मुख देखा तो कानों के पास सफ़ेद बाल दिखाई दिए| उन्होंने तुरंत ही राम के राज्याभिषेक की तैयारी आरम्भ कर दी|
कहते हैं कि यमराज जब किसी के प्राण हरने आते हैं तो उनके भैंसे के गले में बंधी घंटी की ध्वनि मरने वाले को सुनाई देने लगती है| उसकी ध्वनि इतनी कर्णकटु होती है कि वह घबरा जाता है और विगत का पूरा जीवन उसको सिनेमा की तरह दिखाई देने लगता है| उसी चेतना में यमराज उसके गले में फंदा डालकर उस को देहचेतना से मुक्त कर देते हैं| फिर उसे बहुत अधिक कष्ट झेलने पड़ते हैं|
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यमराज के भैंसे के गले में बंधी घंटी की ध्वनी सुने इससे पहिले ही ओंकार की ध्वनी को या राम नाम की ध्वनी को निरंतर सुनने का अभ्यास आरम्भ कर देना चाहिए|
आप किसी बड़े मंदिर में जाते हैं तो वहाँ एक बड़ा घंटा लटका रहता है जिसे जोर से बजाने पर उसकी ध्वनी का स्पंदन बहुत देर तक सुनाई देता है| कल्पना करो कि ऐसे ही किसी घंटे से ओंकार की या रामनाम की ध्वनि निरंतर आ रही है| उस ध्वनी को सुनने और उस पर ध्यान करने का नित्य नियमित अभ्यास करो|
यह ध्वनि ही आपको मुक्ति दिला सकती है| अन्यथा एक बार यमराज के भैंसे के गले की घंटी सुन गयी तो फिर अंत समय में अन्य कुछ भी सुनाई नहीं देगा|
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अभी से अपने मृत्युंजयी भगवान शिव का निरंतर ध्यान करना आरम्भ कर दो| आपकी मृत्यु भय से वे ही रक्षा कर सकते हैं| कितनी शीतलता है उनके सान्निध्य में! वह शीतलता और दिव्यता ही आपकी रक्षा कर सकती है|
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ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||

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