इस चलाचली के मेले में जो आयेगा वह जाएगा भी| किस किस का शोक करें?
आत्मा तो शाश्वत है| सिर्फ दृश्य बदलते हैं|
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जिन्होनें कभी जन्म ही नहीं लिया वे मृत्युंजय परमात्मा परमशिव ही हमारे उपास्य और परम आराध्य हैं| उन्हीं के प्रति हमारा पूर्ण समर्पण है| उनके अतिरिक्त अन्य सब मिथ्या है| हमारा हर साँस, जीवन का हर पल और सारा अस्तित्व उन्हीं का है|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
आत्मा तो शाश्वत है| सिर्फ दृश्य बदलते हैं|
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जिन्होनें कभी जन्म ही नहीं लिया वे मृत्युंजय परमात्मा परमशिव ही हमारे उपास्य और परम आराध्य हैं| उन्हीं के प्रति हमारा पूर्ण समर्पण है| उनके अतिरिक्त अन्य सब मिथ्या है| हमारा हर साँस, जीवन का हर पल और सारा अस्तित्व उन्हीं का है|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
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